छोटे बच्चों को पेट में कीड़े हो जाते हैं . अगर बच्चे के चेहरे पर सफ़ेद गोल चकत्ते हों या रात को सोते समय बच्चा दांत किटकिटाए या फिर सोते समय मुंह से लार गिरकर तकिया गीला हो जाता हो ; तो समझ लेना चाहिए कि पेट में कीड़े हैं . कई बार बच्चे खाना तो ठीक खाते हैं परन्तु फिर भी कमजोर हो जाते हैं . यह भी पेट में कीड़े होने का लक्षण हो सकता है . पेट के कीड़े मारने वाली अंग्रेजी दवाइयाँ खाने से ऐसा देखा गया है की छोटे बच्चों को शुगर की बीमारी हो सकती है . इसलिए कीड़े मारने के लिए बच्चों को अंग्रेजी दवाई न दें .
बच्चे को खाली पेट दो या तीन चम्मच आडू के पत्तों का रस दें . मरुए के पत्तों की चटनी खिलाएं . अगर खाली पेट पांच छ: मरुए के पत्ते हर रोज़ बच्चे को खिलाएं तब भी पेट के कृमि मर जाते हैं . खाली पेट टमाटर में नमक लगाकर खिलाने से भी पेट के कीड़े मर जाते हैं . खट्टी छाछ पिलाने से भी आशातीत सफलता मिलती है .
कमीला चूर्ण 1-2 ग्राम सवेरे शाम कुछ दिन तक दे सकते हैं . इसके अलावा अरविंदासव या विडंगासव लेने से भी पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं .
अगर आंतें सबल होंगी तो शायद पेट में कृमि ठहर ही नहीं पायेंगे . आँतों को सबल बनाने के लिए कपालभाति प्राणायाम करें . बच्चों को भी करवाएं।
इसके अतिरिक्त कुछ पौधों का भी प्रयोग किया जा सकता है :
पित्त पापड़ा ( hedgi fumigatory ); अगर पेट में कीड़े हो गए हों तो इसमें वायविडंग मिलाकर बच्चों को एक एक ग्राम की मात्रा में दें । बड़े दो दो ग्राम भी ले सकते हैं । सिर्फ पित्त पापड़ा को ही खाली पेट लेने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं ।
गाजर ; आँत में कीड़े हो जाएँ तो गाजर का रस पीएँ और इसकी सब्जी खाएँ ।
कूठ (costus) ; पेट में कीड़े हों , मचली हो , या दर्द हो तो , इसको आधा ग्राम की मात्रा में दिया जा सकता हैं । यह शरीर को उत्तेजित करता है ; इसलिए बच्चे की प्रकृति के अनुसार ही उसे दें । बहुत अधिक न दें ।
बकायन, महानिम्ब (bead tree) ; अगर पेट में कीड़े हों तो इसके फल का पावडर 2-2 ग्राम सवेरे शाम लें ।
बथुआ (chenopodium) ; इसका 10-15 ग्राम रस सवेरे शाम लिया जा सकता है । यह कृमिनाशक है ।
करेला (bitter gourd) ; पेट के कीड़ों के लिए 50 से 100 मि० ली० करेले का रस सवेरे खाली पेट लें । यह देखा गया है कि कीड़े मारने की दवाइयाँ खाने से साइड इफैक्ट्स तो होते ही हैं ; कई बार पेट के कीड़े भी पूरी तरह समाप्त नहीं होते । लेकिन 50 मी० ली० करेले का रस चार पांच दिन खाली पेट सवेरे सवेरे ले लिया जाए , तो पेट के कीड़े तो मर ही जाते हैं ;कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता । हाँ इसकी मात्रा इससे ज्यादा नहीं लेनी चाहिए । ज्यादा मात्रा में इसका रस दस्त लगा सकता है। बच्चों को इसकी कम मात्रा देनी चाहिए ।
अरण्ड (castor ) ; पेट में कीड़े हों तो थोडा गुड खाकर बीस मिनट बाद इसके पत्तों का 5 ग्राम रस पी लें । pin worms हों तो पत्तों का रस anus पर लगायें ।
हरसिंगार (night jasmine ) ; पेट में कीड़े हों तो पत्तों का रस लें । छोटा बच्चा है तो एक चम्मच और बड़ा व्यक्ति है तो दो चम्मच लें । सुबह खाली पेट थोडा पानी और चीनी मिलाकर लें । साल में कभी-कभी यह रस ले लें तो पेट में कीड़े होंगे ही नहीं ।
curry leaves ; पेट में कीड़े हों तो इसके सूखे पत्तों का पावडर 2-3 ग्राम सवेरे खाली पेट लें ।
मरुआ ; पेट में कीड़े या infections हों तो इसकी पत्तियों का रस खाली पेट लें । छोटे बच्चों को 4-6 बूँद दे सकते हैं ।
कालमेघ ; 2 ग्राम आंवला +2 ग्राम कालमेघ +2 ग्राम मुलेटी का 400 ग्राम पानी में काढ़ा बनाइए और सवेरे शाम लीजिए । इससे पेट के कीड़े समाप्त हो जाएँगे ।
कचनार ; आंत में कीड़े हों तो इसका 20 ग्राम छाल का काढ़ा +1 ग्राम वायविडंग तीन चार दिन लें।
बच्चे को खाली पेट दो या तीन चम्मच आडू के पत्तों का रस दें . मरुए के पत्तों की चटनी खिलाएं . अगर खाली पेट पांच छ: मरुए के पत्ते हर रोज़ बच्चे को खिलाएं तब भी पेट के कृमि मर जाते हैं . खाली पेट टमाटर में नमक लगाकर खिलाने से भी पेट के कीड़े मर जाते हैं . खट्टी छाछ पिलाने से भी आशातीत सफलता मिलती है .
कमीला चूर्ण 1-2 ग्राम सवेरे शाम कुछ दिन तक दे सकते हैं . इसके अलावा अरविंदासव या विडंगासव लेने से भी पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं .
अगर आंतें सबल होंगी तो शायद पेट में कृमि ठहर ही नहीं पायेंगे . आँतों को सबल बनाने के लिए कपालभाति प्राणायाम करें . बच्चों को भी करवाएं।
इसके अतिरिक्त कुछ पौधों का भी प्रयोग किया जा सकता है :
पित्त पापड़ा ( hedgi fumigatory ); अगर पेट में कीड़े हो गए हों तो इसमें वायविडंग मिलाकर बच्चों को एक एक ग्राम की मात्रा में दें । बड़े दो दो ग्राम भी ले सकते हैं । सिर्फ पित्त पापड़ा को ही खाली पेट लेने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं ।
गाजर ; आँत में कीड़े हो जाएँ तो गाजर का रस पीएँ और इसकी सब्जी खाएँ ।
कूठ (costus) ; पेट में कीड़े हों , मचली हो , या दर्द हो तो , इसको आधा ग्राम की मात्रा में दिया जा सकता हैं । यह शरीर को उत्तेजित करता है ; इसलिए बच्चे की प्रकृति के अनुसार ही उसे दें । बहुत अधिक न दें ।
बकायन, महानिम्ब (bead tree) ; अगर पेट में कीड़े हों तो इसके फल का पावडर 2-2 ग्राम सवेरे शाम लें ।
बथुआ (chenopodium) ; इसका 10-15 ग्राम रस सवेरे शाम लिया जा सकता है । यह कृमिनाशक है ।
करेला (bitter gourd) ; पेट के कीड़ों के लिए 50 से 100 मि० ली० करेले का रस सवेरे खाली पेट लें । यह देखा गया है कि कीड़े मारने की दवाइयाँ खाने से साइड इफैक्ट्स तो होते ही हैं ; कई बार पेट के कीड़े भी पूरी तरह समाप्त नहीं होते । लेकिन 50 मी० ली० करेले का रस चार पांच दिन खाली पेट सवेरे सवेरे ले लिया जाए , तो पेट के कीड़े तो मर ही जाते हैं ;कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता । हाँ इसकी मात्रा इससे ज्यादा नहीं लेनी चाहिए । ज्यादा मात्रा में इसका रस दस्त लगा सकता है। बच्चों को इसकी कम मात्रा देनी चाहिए ।
अरण्ड (castor ) ; पेट में कीड़े हों तो थोडा गुड खाकर बीस मिनट बाद इसके पत्तों का 5 ग्राम रस पी लें । pin worms हों तो पत्तों का रस anus पर लगायें ।
हरसिंगार (night jasmine ) ; पेट में कीड़े हों तो पत्तों का रस लें । छोटा बच्चा है तो एक चम्मच और बड़ा व्यक्ति है तो दो चम्मच लें । सुबह खाली पेट थोडा पानी और चीनी मिलाकर लें । साल में कभी-कभी यह रस ले लें तो पेट में कीड़े होंगे ही नहीं ।
curry leaves ; पेट में कीड़े हों तो इसके सूखे पत्तों का पावडर 2-3 ग्राम सवेरे खाली पेट लें ।
मरुआ ; पेट में कीड़े या infections हों तो इसकी पत्तियों का रस खाली पेट लें । छोटे बच्चों को 4-6 बूँद दे सकते हैं ।
कालमेघ ; 2 ग्राम आंवला +2 ग्राम कालमेघ +2 ग्राम मुलेटी का 400 ग्राम पानी में काढ़ा बनाइए और सवेरे शाम लीजिए । इससे पेट के कीड़े समाप्त हो जाएँगे ।
कचनार ; आंत में कीड़े हों तो इसका 20 ग्राम छाल का काढ़ा +1 ग्राम वायविडंग तीन चार दिन लें।
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