बन्दा (curvedmistletoe) ; यह पराश्रित पौधा है . जब किसी पेड़ के पत्ते झड़ जाते हैं , तो यह उस पर पुष्पित और पल्लवित हो जाता है । इसे किसी पेड़ पर स्वयम लगाना चाहो तो नहीं लगता परन्तु अपनी मर्ज़ी से किसी भी पेड़ पर खुद लग जाता है ।
इसकी हड्डी जैसी आकृति की गाँठ का प्रयोग टूटी हड्डी को जोड़ने के लिए प्रयोग में लाया जाता है . यद्यपि हड्डी जोड़ने के लिए , हडजोड और विधारा का भी इस्तेमाल किया जाता है ; परन्तु बन्दा हड्डी जोड़ने के लिए अभूतपूर्व और विलक्षण गुणों से परिपूर्ण है । इसकी गाँठ पत्तियां और और टहनी को सुखाकर , पावडर करके 3-3 ग्राम सवेरे शाम लेने से हड्डियों की कमजोरी दूर होती है और टूटी हड्डियाँ जल्दी जुड़ जाती हैं । को तोडकर टूटी हड्डियों पर बाँध दें तो वे और भी जल्दी जुड़ेंगी ।
Arthritis , osteoporosis हो या हड्डियाँ गल गई हों , या फिर हड्डियाँ कमजोर पड़ गई हों तो , इसकी सूखी पत्तियों का पावडर 2-2 ग्राम की मात्रा में सवेरे शाम लें। इसके अलावा 1-2 ग्राम बंदा+2 ग्राम पंचकोल को मिलाकर , 400 ग्राम पानी में काढ़ा बनाकर, सवेरे शाम ले सकते हैं ।
अर्जुन ; इसकी 10-15 ग्राम ताज़ी छाल 200-300 ग्राम पानी या दूध में उबालकर सवेरे शाम लेने से लाभ होता है । ताज़ा न मिले तो इसकी छाल का 5 ग्राम पावडर डेढ़ गिलास पानी में पकाएं। जब आधा गिलास रह जाए , तो पी लें । हड्डी टूट जाए , घिस जाए या cartilage घिस जाए , तब भी इसका काढ़ा फायदा करता है।
इसकी हड्डी जैसी आकृति की गाँठ का प्रयोग टूटी हड्डी को जोड़ने के लिए प्रयोग में लाया जाता है . यद्यपि हड्डी जोड़ने के लिए , हडजोड और विधारा का भी इस्तेमाल किया जाता है ; परन्तु बन्दा हड्डी जोड़ने के लिए अभूतपूर्व और विलक्षण गुणों से परिपूर्ण है । इसकी गाँठ पत्तियां और और टहनी को सुखाकर , पावडर करके 3-3 ग्राम सवेरे शाम लेने से हड्डियों की कमजोरी दूर होती है और टूटी हड्डियाँ जल्दी जुड़ जाती हैं । को तोडकर टूटी हड्डियों पर बाँध दें तो वे और भी जल्दी जुड़ेंगी ।
Arthritis , osteoporosis हो या हड्डियाँ गल गई हों , या फिर हड्डियाँ कमजोर पड़ गई हों तो , इसकी सूखी पत्तियों का पावडर 2-2 ग्राम की मात्रा में सवेरे शाम लें। इसके अलावा 1-2 ग्राम बंदा+2 ग्राम पंचकोल को मिलाकर , 400 ग्राम पानी में काढ़ा बनाकर, सवेरे शाम ले सकते हैं ।
अर्जुन ; इसकी 10-15 ग्राम ताज़ी छाल 200-300 ग्राम पानी या दूध में उबालकर सवेरे शाम लेने से लाभ होता है । ताज़ा न मिले तो इसकी छाल का 5 ग्राम पावडर डेढ़ गिलास पानी में पकाएं। जब आधा गिलास रह जाए , तो पी लें । हड्डी टूट जाए , घिस जाए या cartilage घिस जाए , तब भी इसका काढ़ा फायदा करता है।
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