गाजर : गाजर का जूस और गाजर का मुरब्बा बहुत पौष्टिक माने जाते हैं । नियमित रूप से इन्हें लेने रहने से अनीमिया ठीक हो जाता है और खून की कमी नहीं होती । दूध में शहद मिलाकर गाजर के मुरब्बे के साथ सेवन करने से शरीर में शक्ति आती है ।
गन्ना ; गन्ने के रस में अनार का रस मिलाकर लिया जाए तो शरीर में खून की भी कमी भी नहीं होती ।
लौकी ( bottle gourd) ; लौकी को घीया और दूधी भी कहा जाता है . ताज़ी लौकी का छिलका चमकदार होता है . इसे गरम पानी से अच्छी तरह धोकर इसका जूस निकालना चाहिए . इसके जूस में सेब का जूस मिला लें तो यह स्वादिष्ट हो जाता है . इसके जूस को सवेरे खाली पेट काली मिर्च मिलाकर और थोड़ा गुनगुना करके लेना चाहिए।
गुड़हल , जबाकुसुम (shoe flower, china rose) ; अनीमिया में इसके फूल व पत्तों को सुखाकर पावडर ले सकते हैं ।
बथुआ (chenopodium) ; एनीमिया होने पर इसके पत्तों के 25 ग्राम रस में पानी मिलाकर पिलायें ।
आँवला ; इसका नियमित रूप से सेवन करने से अनीमिया ठीक होता है ।
घृतकुमारी (aloe vera ) ; इसको नियमित रूप से लेने पर रक्तअल्पता (anemia) की बीमारी ठीक होती है ।
पालक (spinach) ; इससे हीमोग्लोबिन बढ़ता है । दस पन्द्रह पालक के पत्तों का रस और एक सेब का रस मिलाकर लेने से रक्त की कमी नही रहती ।
अंजीर (fig) ; हीमोग्लोबिन कम है तब यह भरपूर फायदा करता है ।
गिलोय ; अगर platelets बहुत कम हो गए हैं , तो चिंता की बात नहीं , aloe vera और गिलोय मिलाकर सेवन करने से एकदम platelets बढ़ते हैं ।
इसकी 6 से 8 इंच की इसकी डंडी लें इसमें wheat grass का जूस और 5-7 पत्ते तुलसी के और 4-5 पत्ते नीम के डालकर सबको कूटकर काढ़ा बना लें । इसका सेवन खाली पेट करने से aplastic anaemia भी ठीक होता है ।
खजूर (dates) ; खजूर रक्त शोधक होता है और रक्त को बढाता भी है ।
गन्ना ; गन्ने के रस में अनार का रस मिलाकर लिया जाए तो शरीर में खून की भी कमी भी नहीं होती ।
लौकी ( bottle gourd) ; लौकी को घीया और दूधी भी कहा जाता है . ताज़ी लौकी का छिलका चमकदार होता है . इसे गरम पानी से अच्छी तरह धोकर इसका जूस निकालना चाहिए . इसके जूस में सेब का जूस मिला लें तो यह स्वादिष्ट हो जाता है . इसके जूस को सवेरे खाली पेट काली मिर्च मिलाकर और थोड़ा गुनगुना करके लेना चाहिए।
अगर anaemia या थैलेसीमिया जैसी बीमारी है तो इसके जूस में wheat grass और गिलोय का रस भी मिलाना चाहिए । लौकी कडवी नहीं होनी चाहिए ; इसका जूस हानिकारक हो सकता है । .
शरपुंखा ; इसे प्लीहा शत्रु भी कहते है क्योंकि यह spleen को ठीक करती है । इसके पंचांग को मोटा मोटा कूटकर 5-10 ग्राम लें और 200 ग्राम पानी में काढ़ा बनाकर पीयें । यह काढ़ा खून की कमी को दूर करता है ।
गुड़हल , जबाकुसुम (shoe flower, china rose) ; अनीमिया में इसके फूल व पत्तों को सुखाकर पावडर ले सकते हैं ।
बथुआ (chenopodium) ; एनीमिया होने पर इसके पत्तों के 25 ग्राम रस में पानी मिलाकर पिलायें ।
आँवला ; इसका नियमित रूप से सेवन करने से अनीमिया ठीक होता है ।
घृतकुमारी (aloe vera ) ; इसको नियमित रूप से लेने पर रक्तअल्पता (anemia) की बीमारी ठीक होती है ।
पालक (spinach) ; इससे हीमोग्लोबिन बढ़ता है । दस पन्द्रह पालक के पत्तों का रस और एक सेब का रस मिलाकर लेने से रक्त की कमी नही रहती ।
गिलोय ; अगर platelets बहुत कम हो गए हैं , तो चिंता की बात नहीं , aloe vera और गिलोय मिलाकर सेवन करने से एकदम platelets बढ़ते हैं ।
इसकी 6 से 8 इंच की इसकी डंडी लें इसमें wheat grass का जूस और 5-7 पत्ते तुलसी के और 4-5 पत्ते नीम के डालकर सबको कूटकर काढ़ा बना लें । इसका सेवन खाली पेट करने से aplastic anaemia भी ठीक होता है ।
खजूर (dates) ; खजूर रक्त शोधक होता है और रक्त को बढाता भी है ।
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