Thursday, December 25, 2014

सूजन, दर्द !

 हाथों पैरों में सूजन हो या घुटनों में ; यह इस बात का संकेत है कि infections हो गये हैं . पैरों में सूजन इस बात को इंगित करता है कि शायद किडनी ठीक नहीं हैं . थायराइड की समस्या से भी सूजन हो सकती हैं . अगर immune system ठीक हो जाए तो सूजन ठीक हो सकती है . इसके लिए अनुलोम विलोम और कपालभाति प्राणायाम नियमित रूप से करें
                                                  सूजन होने पर water retention को कम करने के लिए , नमक बिलकुल कम खाएं या फिर कुछ दिनों के लिए नमक बंद ही कर दें . जौ का प्रयोग करें . जौ का पानी , दलिया , आटा, रोटी या भुने हुए जौ खाएं . सूजन को कम करने के लिए गोखरू , पुनर्नवा , वरुण छाल , नि:शोथ , मकोय आदि जड़ी बूटी प्रयोग में लाई जाती हैं . गोखरू को उबालकर उसका पानी लें , पुनर्नवा की जड़ का काढ़ा लें , पुनर्नवारिष्ट भी ले सकते हैं , या फिर पुनर्नवामंडूर की एक एक या दो दो  गोली अपने वजन व उम्र के अनुसार लें .  वरुण की छाल का काढ़ा भी बहुत उपयोगी रहता है .
                             इसके अतिरिक्त किडनी के कारण सूजन है तो सर्वक्ल्प क्वाथ या वृक्कदोषहर क्वाथ भी ले सकते हैं . गोक्षरादी गुग्ग्लू और चंद्रप्रभावटी का प्रयोग कर सकते हैं . सवेरे नीम के पत्तों का रस व शाम को पीपल  के पत्तों का रस लेने से भी किडनी के रोगों में आराम आता है . खाली पेट हो तब हथेली के बीच के point को दबाएँ . छोटी अंगुली के top पर दबाने से भी किडनी के रोग जल्दी ठीक होते हैं . सभी प्रकार के प्राणायाम करते रहने से तो बहुत जल्द ही सूजन उतरनी प्रारम्भ हो जाती है।
इन पौधों का प्रयोग भी कर सकते हैं :

आलू  ;    अगर uric acid बढ़ने से सूजन आ गई हो तो , इसके पत्तों को उबालकर उसमें नमक मिलाकर सिकाई करें ।  लेकिन uric acid बढने पर आलू खाना नहीं चाहिए ।  यह uric acid को बढाता है । 

बन्दा (curved mistletoe) ;   दर्द या सूजन हो तो इसके पत्ते उबालकर सिकाई करें । 

रेवनचीनी  ;     इसकी जड़ का पाउडर लेने से  सूजन ठीक होती है । 

शिरीष  ;    किसी भी तरह की सूजन होने पर इसके पत्तों को पानी में उबालकर सिकाई करें । 

बहेड़ा ( bellaric myrobalan) ;  बहेड़े के फल के छिलके का नियमित रूप से सेवन करने से मोटापा  कम होता है | 

निर्गुण्डी ( vitex negundo)  ;   वातज रोग हों , arthritis हो और सूजन आई हुई हो तो इसके पत्ते उबालकर सिकाई करें ।  बहुत जल्द आराम आएगा ।  सूजन होने पर इसके पत्ते उबालकर पीयें और इसके पत्तों को कूटकर , सरसों के तेल में गर्म करके पेस्ट बनाएं और उसे रुई में रखकर घुटनों पर बांधें ।  

नागदोन  ;    सूजन हो तो इसके पत्ते गर्म करके बाँध लें । 

तुम्बरू (toothache tree) ;  सूजन हो गई है तो इसकी पत्तियां उबालकर सिकाई करें ।      

पंवाड या चक्रमर्द  ;  इसकी पत्तियों की लुगदी बाँधने से गाँठ और सूजन खत्म होते हैं | 

गुल बकावली (ginger lily) ; अगर कहीं पर सूजन या दर्द है तो इसके पत्तों को थोडा गर्म करके बाँध सकते हैं । 

पत्थरचट (bryophyllum)  ;  अगर कहीं पर दर्द या सूजन है तो इसके पत्ते को गर्म करके , सरसों का तेल लगा कर उस स्थान पर बांधें । शायद इसी कारण इसे दर्दपात भी कहते हैं .अगर पत्ते पर दर्द वाला तेल लगा पायें तो और भी अच्छा रहेगा । 

भृंगराज   ;       गुम चोट हो सूजन या दर्द हो तो पत्तों को पीसकर गर्म करके रुई में लगाकर बाँध लें ।  

बेल   ;     दशमूल में भी बेल की छाल का प्रयोग होता है ।  दशमूल का काढ़ा वात की बीमारियों में सूजन में और दर्द में बहुत लाभकारी है  इसके लिए 10 ग्राम काढ़े को 400 ग्राम पानी में पकाएं ।  जब रह जाए एक चौथाई , तो पी लें ।  

शरपुंखा   ;    अगर  कहीं पर सूजन है तो इसके पत्तों को हल्का उबालकर पीसकर पुल्टिस बांधें । 

तिल (sesame) ;   तिल के लड्डू खाने से शरीर में सूजन कम हो जाती है । हल्दी  ,मेथी , सौंठ , अश्वगंधा और तिल बराबर मात्रा में लें . इस मिश्रण का एक एक चम्मच हर रोज़ लें . इससे बढ़ा हुआ uric acid भी कम होता है . इसके तेल में सौंठ को डालकर पका लें . इस तेल से जोड़ों पर मालिश करने से सूजन में लाभ होता है ।  इसके तेल की मालिश से मांसपेशियां मजबूत होती हैं ।   

कुटज (इन्द्रजौ ) ;  आमवात  के लिए सौंठ, हरड और कुटज की छाल बराबर मात्रा में मिलाकर सवेरे शाम लें ।  सूजन हो तो इसकी छाल के पानी से सिकाई भी कर सकते हैं ।  

विधारा (elephant creeper)  ;  कहीं भी सूजन या दर्द हो तो इसका पत्ता बाँधें ।      

ज्योतिष्मति (Arthritis ,सूजन या मांसपेशियों में दर्द हो तो इसका 4-4 बूँद तेल सवेरे लें ;या फिर बीज ले लें ।  इसके 2 -3 बीज चबाकर सवेरे दूध या पानी के साथ कुछ दिन ले लें ।   

बथुआ (chenopodium)  ;   कहीं पर सूजन हो  या  आँतों में infections या सूजन हो तो इसका साग बहुत लाभकारी है । जोड़ों में दर्द या सूजन हो ; तो इसके बीजों का काढ़ा लिया जा सकता है ।  इसका साग भी लिया जा सकता है ।  सूजन है, तो इसके पत्तों का पुल्टिस गर्म करके बाँधा जा सकता है । यह वायुशामक होता है ।  

नागफनी (prickly pear)  ;  अगर सूजन है , जोड़ों का दर्द है , गुम चोट के कारण चल नहीं पाते हैं तो , पत्ते को बीच में काटकर गूदे वाले हिस्से पर हल्दी और सरसों का तेल लगाकर गर्म करकर बांधें ।  4-6 घंटे में ही सूजन उतर जायेगी ।     


भुट्टा (corn)  ;  अगर सूजन हो तो शुरू की अवस्था में तो भुट्टा लाभ करता है ; लेकिन अगर ये समस्या बढ़ गई है तो फिर भुट्टा खाने से नुकसान हो सकता है ।  

वरुण (three leaf caper)  ; सूजन होने पर इसकी पत्तियों को उबालकर सिकाई करें और बाँध भी दें ।   

घृतकुमारी (aloe vera )  ;  इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढती है ।  हर तरह की सूजन में इसका लेप फायदा करता है ।   

अरण्ड (castor )  ;  हाथ पैर में सूजन हो या घुटनों में दर्द , बस इसका एक पत्ता गरम करके रात को बाँध लें ।  अगर पत्ते पर अरंड का तेल लगा लिया जाए तो और भी बेहतर है ।  हर तरह  का दर्द,  सूजन इसका पत्ता सोख  लेता है ।  

हल्दी (turmeric)  ;   सूजन, दर्द है तो हल्दी मेथी सौंठ बराबर मात्रा में मिलाकर पांच ग्राम सवेरे खाली पेट ले लें ।     

गेंदा (african merigold )  ;   कहीं भी घाव या सूजन हो तो इसकी पत्तियां और फूल उबालकर ,उस पानी से धोएं । 

छुईमुई (touch me not )  ;   कहीं पर भी सूजन है तो इसके 5 ग्राम पंचांग का काढ़ा पीएँ । 

हरसिंगार (night jasmine )  ;  शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन है तो इसकी पत्तियाँ पानी में उबालकर उससे झराई करें ।  सूजन पर इसके पत्तों को बांधें । 

देसी गुलाब (rose)  ;   कहीं पर सूजन हो तो इसकी पत्तियों को पीसकर लेप लगायें ।  

गूलर (cluster fig)  ;  कहीं भी सूजन या दर्द हो तो इसकी छाल पीसकर लगा  लें ।   

पलाश (flame of the forest )  ;  इसके फूल सूजन को दूर करते हैं , फिर चाहे वह चोट की हो , मोच की हो या फिर गठिया की ।  बर्तन में पानी उबालकर ऊपर जाली में फूल रख दें।  फिर फूलों को गर्म गर्म ही सूजन पर बाँध लें ।  अगले दिन ही अविश्वसनीय असर दिखता है । 
 सूजन हो तो इसके पत्ते गर्म करके पुल्टिस बांधें | 

थूहर (milk bush)  ;  सूजन होने पर इसके पत्ते गरम करके बांधे जा सकते हैं ।  

गेहूँ (wheat)  ;  सूजन है तो मोटी रोटी एक तरफ सेक कर कच्ची तरफ सरसों का तेल, हल्दी और  नमक लगायें और हल्की गर्म रोटी सूजन पर बांधें।  सवेरे तक सूजन काफी कम हो जाती है। 
मोच हो जाए तो दो चम्मच आटा भूनकर , साथ में आधा चम्मच हल्दी घी में भूनकर चबा चबाकर खाएं ।  

कालमेघ  ;   इससे सभी तरह के infections और सूजन खत्म होते हैं । 

अश्वगंधा   ;  अगर कहीं अगर कहीं दर्द है तो इसका पत्ता गर्म करके बांधें है तो इसका पत्ता गर्म करके बांधें।  यह uric acid को कम करता है ।  

गोखरू  ;  Uric acid बढ़ गया है और इसकी वजह से पैरों में सूजन है, तो गोखरू +सौंठ+मेथी+अश्वगंधा बराबर मात्रा में लेकर 5 ग्राम मिश्रण का काढ़ा सवेरे शाम पीयें। 

शीशम  ;   इसके पत्ते विष को भी समाप्त करते हैं . अगर कहीं पर सूज गया हो तो , इसके पत्ते और नीम के पत्ते उबालकर उस पानी में नमक डालें और सिकाई करें। 

कदम्ब  ;  पैरों में सूजन या चोट हो तो , इसके छाल व पत्तों को उबालें।  इसमें नमक मिलाकर पैरों की सिकाई करें। 

सुदर्शन  ;   दर्द या सूजन हो तो इसकी पत्तियाँ गर्म करके बाँध लें। 

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