गाजर ; माइग्रेन या sinus की समस्या हो तो इसकी पत्तियों को सेककर उनका 4-4 बूँद रस नाक में डालें ।
गुल बकावली ( ginger lily) ; इस पौधे के सफ़ेद फूल खिले हुए ऐसे प्रतीत होते हैं , मानो पूरा गुलदस्ता पौधे पर सजा दिया गया हो . इसका मुख्य गुण है कि यह मस्तिष्क को शांत करता है और अशांत मनोदिशा को बदल देता है . इसको देखने से, सूंघने से और आस पास रखने मात्र से चित्तवृत्तियाँ बदलती हैं . इसके फूलों को गुलदस्ते में रखा जाए तो कई दिन तक तरो ताज़ा रहते हैं . ये मौसमी फूल घरों में या आफिस में ; कहीं पर भी लगाये जा सकते हैं . यह पौधा कंद या कहें कि bulb द्वारा उगाया जाता है . इनके फूलों की माला पहनने से भी मन शांत रहता है . इसके आस पास रहने से तामसिक और राजसिक प्रभाव कम होकर , सात्विक प्रभाव बढ़ता है . घबराहट दूर होती है ; शरीर के toxins कम होते हैं और बैक्टीरिया और वायरस भी समाप्त होते हैं . ये सौम्य पुष्प दिमाग की उग्रता समाप्त कर , शान्ति प्रदान करते हैं और घर के वातावरण को खुशनुमा बनाते हैं . इन्हें आस पास रखने से बेचैनी और भय समाप्त होते हैं .
अगर मानसिक तनाव या अनिंद्रा की बीमारी है तो इसके फूल या पौधे को शयन कक्ष में रखें . सिरदर्द है तो इसके फूल पीसकर माथे पर लेप करें |
पिप्पली (long pepper) ; सिरदर्द होने पर पिप्पली का पावडर भूनकर नस्य लें । सूंघने पर सिरदर्द में तो लाभ होता ही है नजला , जुकाम भी ठीक होता है । एक ग्राम पिप्पली के पावडर को दूध के साथ रात को सोते समय लें . नींद अच्छी आयेगी । कफ भी नहीं बनेगा ।
तेजपत्ता (bay leaves) ; तेजपत्ता मसाला ही नहीं औषधि भी है इसके पत्तों का काढ़ा सर्दी जुकाम भगाता है । सिरदर्द हो तो इसके 4-5 पत्तों का काढ़ा पीयें और पत्ते पीसकर सिर पर लेप करें ।
lemon grass ; एलर्जी की समस्या का एक इलाज है lemon grass । इसके दो पत्ते लेकर अच्छी तरह रगडकर एक गिलास पानी में डालकर उबालें । फिर छानकर पीयें । बहुत भीनी भीनी सुगंध भी आएगी और रंग तो सुंदर लगेगा ही । चाहें तो इसमें थोड़ी सी चीनी मिला सकते हैं । इस चाय को बनाते समय इसमें तुलसी के पत्ते भी ड़ाल दें । हल्का सा sedative effect होने के कारण मस्तिष्क को relax भी करती है |
रेवनचीनी ; Migraine की बीमारी में इसकी जड़ को घिसकर माथे पर लगा लें ।
अगस्त्य (sesbania) ; Migraine की बीमारी में सिर में जिस तरफ दर्द हो उसके विपरीत दिशा वाले नाक में इसके पत्तों के रस की चार बूँद ड़ाल लें । सिरदर्द ठीक हो जाएगा |
चांगेरी indian sorrel) ; सिरदर्द हो तो इसके पत्तों को पीसकर माथे पर लगा लें |
गंभारी (verbenaceae) ; सिरदर्द होने पर इसके पत्ते पीसकर माथे पर लेप करें ।
पंवाड , चक्रमर्द ( foetid cassia) ; सिरदर्द हो तो इसका बीज पीसकर माथे पर लेप कर लें ।
भृंगराज ; Migraine की समस्या में इसकी साफ़ पत्तियों और कोमल टहनियों का रस 4-4 बूँद नाक में डालें चक्कर आते हों या नींद कम आती हो तो इसका दो चम्मच रस पानी मिलाकर सवेरे शाम लें |
भारंगी ( turk's turban moon) ; सिरदर्द होने पर इसकी जड़ पीसकर माथे पर 5-6 घंटे के लिए लगायें । उसके बाद धो दें ।
दूब (grass ) ; सिरदर्द हो तो दूब घास पीसकर चूना मिलाकर लगाइए ।
अकरकरा ; सिरदर्द में इसके फूल पीसकर माथे पर लेप करें ।
तुलसी (holi basil) ; Migraine के दर्द में इसके पत्तों के रस की चार बूँद नाक में डालें ।
ज्योतिष्मति (celastrus) ; माइग्रेन , या सिरदर्द हो या भयंकर दौरे पड़ते हों ; तो इसके 2-3 बीज तक ले सकते हैं . सवेरे सवेरे खाली पेट बीज खाकर दूध या पानी पी लें ।
घृतकुमारी (aloe vera) ; सिरदर्द होने पर माथे पर इसका लेप कर लें । अगर माईग्रेन की समस्या है तो साथ में मेधावटी भी सवेरे शाम ले लें । इसे खाने से और सिर और माथे पर लेप करने से आँखों की रोशनी भी बढ़ती है ।
करेला (bitter gourd) ; सिरदर्द में इसकी पत्तियों को पीसकर माथे पर लगायें ।
मेथी (fenugreek) ; एक डेढ़ चम्मच मेथी दाना रात को भिगोकर सवेरे चबा चबाकर खाएं और बाद में वह पानी भी पी लें । सिरदर्द या migraine का दर्द हो तब यह प्रयोग लाभदायक है ।
धनिया (coriander ) ; अगर सिरदर्द से परेशानी है तो एक चम्मच धनिया पावडर +एक चम्मच आंवले का पावडर +शहद रात को एक मिटटी के बर्तन में भिगो दें। सवेरे मसलकर पी लें । प्रतिदिन ऐसा करने से कुछ समय बाद यह परेशानी दूर हो जाती हैं ।
कंटकारी , कटैली (yellow berried nightshade) ; migraine में इसका ताज़ा रस दो दो बूँद नाक में टपकायें । यह सवेरे खाली पेट करना चाहिए । इससे यह बीमारी बिलकुल ठीक हो जाती हैं ।
भाँग (cannabis ) ; सिर दर्द ठीक करने के लिए भांग के पत्तों की लुगदी को सूंघें । इसके पत्तों के रस की दो -दो बूँद नाक में डालें ।इससे भी सिर दर्द ठीक हो जाता है । sinusitis हो तो इसके पत्तों की तीन तीन बूँद नाक में टपका लें ।
मेंहदी (henna ) ; सिरदर्द रहता हो तो इसमें तुलसी के पत्ते मिलाकर माथे पर लेप करें । मेंहदी का तेल भी सिर के लिए बहुत अच्छा है । इसके लिए इसके 750 ग्राम पत्ते +250 ग्राम बीज +250 ग्राम इसकी छाल लेकर 4 किलो पानी में पकाएं । यह धीमी आंच पर पकाना है . जब एक चौथाई रह जाए , तो उसमें एक किलो सरसों का तेल मिला लें । फिर धीमी आंच पर पकाएं । जब केवल तेल रह जाए ; तो छानकर शीशी में भर लें । यह तेल सिरदर्द के लिए बहुत ही बढिया है ।
अपामार्ग , लटजीरा ; सिर में दर्द है या migraine है , तो इसके 3 ग्राम बीज का पावडर सूंघने से ही वह ठीक हो जाएगा ।
देसी गुलाब (rose) ; चन्दन को गुलाबजल में घिसकर माथे पर लगाने से मस्तिष्क को आराम मिलता है । Migraine तक अच्छा होता है ।
मरुआ ; Migraine या सिरदर्द हो तो इसके पत्ते पीसकर माथे पर लेप करें या 2-2 बूँद रस खाली पेट नाक में डालें ।
अपराजिता ; अगर migraine या अधसीसी का दर्द रहता है तो इसकी जड़ की रस की 4-4 बूँदें नाक में ड़ाल लें। इसकी जड़ पीसकर माथे पर लेप भी करें ।
गोखरू ; इसका काढ़ा सिरदर्द ठीक करता है ।
No comments:
Post a Comment