Wednesday, December 17, 2014

piles


दारुहल्दी (berberry) ;     बवासीर या bleeding हो , या फिर आँतों में सूजन हो तो , दारुहल्दी की 5-10 ग्राम जड़ों को 400 ग्राम पानी में धीमे धीमे पकाएं । जब एक चौथाई रह जाए तो छानकर पी लें ।  इस काढ़े को सुबह शाम नियमित रूप से लेने पर ये बीमारियाँ ठीक होती हैं ।

चांगेरी (indian sorrel)  ;  बवासीर या piles की बीमारी में इसको ताज़ी लें , या फिर इसकी सूखी पत्तियों का पावडर 1-2 ग्राम की मात्रा में सवेरे शाम लें ।  

शिरीष  ;   Piles में इसके बीज पीसकर लगायें . मस्से सूख जायेंगे ।  

नागदोन   ;    अगर piles की समस्या है तो इसके तीन छोटे पत्ते काली मिर्च के साथ सवेरे सवेरे पांच दिन तक खा लें या फिर एक चम्मच रस सवेरे खाली पेट लें ।  

महनिम्ब , बकायन ( bead tree) ;   अगर constipation हो और piles की शिकायत हो तो इसके सूखे बीजों का 3 ग्राम पावडर खाली पेट ताज़े पानी या छाछ के साथ सवेरे शाम लें ।  

भृंगराज   ;  Piles की समस्या हो या anus पर सूजन हो तो भृंगराज के पत्ते और डंठल मिलाकर 50 ग्राम लें +20 ग्राम काली मिर्च लें ।  अब इनको मिलाकर काले चने जितनी गोलियां बना लें ।  एक एक गोली सवेरे शाम लें ।  

कुटज (इन्द्रजौ )  ;  ख़ूनी बवासीर में इसकी छाल का 2-3 gram पावडर पानी के साथ दें ।  

शतावर (asparagus) ;    Blood dysentery है या piles है तो ताज़े शतावर की जड़ और मिश्री पीसकर लें।  

सफ़ेद प्याज ( white 0nion)  ; बवासीर हो तो प्याज़ के रस में मिश्री मिलाकर लें ।  

वरुण (three leaf caper)  ; Piles या anus की कोई भी समस्या हो तो 5gm वरुण की छाल और 3gm त्रिफला को मिलाकर काढ़ा बनाएं और पीयें।  

आँवला  ;   बवासीर में इसका रस लेना लाभदायक रहता है ।  

करेला (bitter gourd) ;  इसके  रस से बवासीर की शिकायत भी दूर होती है ।  

गेंदा (african merigold )  ;  Piles की समस्या हो या anus बाहर आने की , इसके फूलों की 3 ग्राम पत्तियां पीसकर , मिश्री मिलाकर खाली पेट खाएं ।  Piles में इसकी हरी पत्तियों का 4-5 चम्मच रस सवेरे शाम खाली पेट लिया जा सकता है ।    

छुईमुई (touch me not)  ;  यदि bleeding हो रही है piles की,  तो इसकी 3-4 ग्राम जड़ पीसकर उसे दही में मिलाकर प्रात:काल ले लें ,या इसके पांच ग्राम पंचांग का काढ़ा पीएँ । 

खजूर (dates)  ;   अगर बवासीर की बीमारी हो तो खजूर बहुत कम खाने चाहिए ।  

गूलर (cluster fig)  ;  अगर भगन्दर या piles के मस्से हो गए हों तो इसके दूध (टहनी तोड़ने पर दूध निकलता है ) को रुई में भिगोकर लगा दें ।  

पलाश (flame of the forest )  ;  इसके फूल या पत्तियों के शर्बत के प्रयोग से बवासीर में लाभ होता है |  

जामुन  ;  Piles हों तो इसकी कोमल पत्तियों का काढ़ा पीयें। 

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