आँखों में जलन हो , थकन हो , काला मोतिया (ग्लूकोमा ) हो , नजर कमजोर हो, तो सुबह नित्यकर्म से निवृत्त होकर मुंह में पानी भरें और दोनों आँखों में पानी के छींटे मारें . फिर मुँह का पानी बाहर निकाल दें . अनुलोम -विलोम प्राणायाम प्रतिदिन 15-15 मिनट नियमपूर्वक करें . ताज़े आंवले के रस का सेवन करें . ताज़े आंवले के रस की दो दो बूँद आँखों में डालने से भी नेत्रज्योति बढती है .
ताज़ा आंवला न मिले तो 200 ग्राम आम्लिकी रसायन (concentrated आंवले के रस का सूखा पावडर ) +20 ग्राम सप्तामृत लौह + 10 ग्राम मुक्ताशुक्ति भस्म को मिलाकर एक एक ग्राम सवेरे शाम लें .इसे शहद के साथ लिया जा सकता है . एक चम्मच सफ़ेद प्याज का रस +एक चम्मच अदरक (छिलका उतार कर) का रस +एक चम्मच नीम्बू का रस +तीन चम्मच शहद मिलाकर रख लें . सभी रस स्वच्छता और शुद्धता से छानकर लेने हैं . इस की एक एक बूँद रात को सोते समय आँख में ड़ाल लें . कभी कभी हथेली का First finger और middle finger के बीच का point (खाली पेट होना चाहिए) दबा लें। आँखों के व्यायाम के लिए; पहले बहुत दूर देखें , फिर एकदम बिलकुल पास देखें .फिर से बहुत दूर देखें . इसी तरह कई बार करें . इस प्रक्रिया को प्रतिदिन नियमित रूप से करें।
कुछ पौधों का प्रयोग भी हो सकता है :
इलायची ; इलायची का सेवन करने से आँखों की ज्योति बढती है |
दारुहल्दी (berberry) ; अगर आँखें लाल हो रही हैं या किसी भी प्रकार का संक्रमण हो गया है तो , रसौंत ( extract of दारुहल्दी) को या दारुहल्दी की जड़ की लकड़ी को घिसकर आँख में अंजन करें । आँखें ठीक हो जायेंगी ।
अगस्त्य (sesbania) ; इसकी पत्तियों का रस 1-1 बूँद आँखों में डालने से आँखों की रोशनी बढती है । ऑंखें ठीक रहती हैं ।
शिरीष ; आँख में लाली या अन्य कोई समस्या हो तो इसके पत्तों की लुगदी बनाकर उसकी टिकिया बंद आँखों पर कुछ समय के लिए रखें ।
सत्यानाशी ( argemone)( maxican prickly poppy) ; नेत्र रोगों के लिए इसके पौधे के पीले दूध (डाली तोड़ने पर पीला सा दूध निकलता है ) को संग्रहित कर लें। इसमें दो तीन बार रुई भिगोकर सुखाएं । उसे सुखाकर गाय के शुद्ध घी में बत्ती बनाकर काजल बनायें । कहते हैं कि इससे नेत्र ज्योति भी बढती है ।
बहेड़ा ( bellaric myrobalan) ; नेत्र रोग में इसके तने के छिलके को शहद में घिसकर आँखों में अंजन कर सकते हैं ।
ममीरा (gold thread cypress) ; आँखों में लाली हो या कम दीखता हो या फिर infection हो गया हो तो शुद्ध ममीरे की जड़ घिसकर आँख में अंजन कर सकते हैं ।
बकायन , महानिम्ब (bead tree) ; इसके पत्तों का रस घोटकर , सुखाकर अंजन करने से आँखों के रोग समाप्त होते हैं । आँखों को स्वस्थ रखना हो तो बकायन के फल +सौंठ +आंवला +भृंगराज बराबर मात्रा में मिलाकर एक -एक चम्मच सवेरे शाम लें ।
गुल बकावली ( ginger lily) ; आँखों की रोशनी चली गई है या आँखों से संबंधित कोई बीमारी है तो इसके फूलों का अर्क आँख में ड़ाल सकते हैं । अमरकंटक में ये फूल बहुतायत से पाए जाते हैं । पुरातन समय में अगर किसी ऋषि को आँख की समस्या होती थी , तो वे अमरकंटक जाया करते थे और आँख ठीक होने पर वापिस लौटते थे ।
वासा (malabar nut) ; आँखों के लिए त्रिफला और मुलेठी का पावडर रात को कांच के बर्तन में भिगोकर सवेरे पानी छानकर ,निथारकर, उसमें आँख डुबोकर धोएं और मुलेठी +सौंफ +आंवला बराबर मिलाकर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें ।
मुलेठी (licorice root) ; आँखों के लिए त्रिफला और मुलेठी का पावडर रात को कांच के बर्तन में भिगोकर सवेरे पानी छानकर ,निथारकर, उसमें आँख डुबोकर धोएं ; और मुलेठी +सौंफ +आंवला बराबर मिलाकर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें।
पिप्पली (long pepper) ; रतौंधी के लिए पिप्पली का काजल इस्तेमाल करें । पिप्पली के बारीक पावडर को घी में मिलाकर बत्ती बनाकर जला लें और काजल बना लें । इससे आँख भी ठीक रहेंगी ।
भृंगराज ; आँखों में दुखन हो या आँख की रोशनी कम हो तो साफ़ जगह पर उगे हुए पत्तों का रस एक दो बूँद आँख में डाला जा सकता है ।
भारंगी (turk's turban moon) ; आँखों में परेशानी हो तो इसके पत्तों की लुगदी की पट्टी आँखों पर बांधें |
दूब (grass) ; दूब पर सवेरे सवेरे नंगे पाँव चलें तो आँखें ठीक रहती हैं । आँख दुखती हैं तो घास पीसकर लुगदी की टिक्की आँख पर बाँध लें ।
तिल (sesame) ; सर्दी में तिल के फूल पर पड़ने वाली ओस को इकट्ठा करके शीशी में भर लें । इसको आँख में प्रतिदिन डालते रहने से आँखों की रोशनी बढ़ेगी ।
शतावर (asparagus) ; रतौंधी की बीमारी में इसकी कोमल पत्तियों और कोमल टहनियों की सब्जी खाएं ।
सफ़ेद प्याज(white onion) ; आँख को ठीक रखना है ; नज़र तेज़ करनी है तो इससे आँख की दवाई भी बना सकते हैं । साफ़ और स्वच्छ तरीके से सफ़ेद प्याज का रस +अदरक का रस +नीम्बू का रस बराबर मात्रा में लेकर तीनों रस के बराबर शहद मिला लें । इसे फ्रिज में सुरक्षित रखें । यह लगभग एक महीने तक उपयोगी रह सकती है । इसका एक एक बूँद आँख में डालें । देर से आँख खोलें और सामने तेज़ रोशनी न हो । ये eye drops बहुत लाभदायक होती हैं ।
पीपल (sacred fig) ; आँख में जलन हो तो इसकी छाल की लुगदी को रुई में रखकर आँखों पर बाँध लें ।
नागफनी (prickly pear) ; आँखों की लाली ठीक करनी हो तो इसके बड़े पत्ते के कांटे साफ करके उसको बीच में से फाड़ लें । गूदे वाले हिस्से को कपडे पर रखकर आँख पर बाँधने से आँख की लाली ठीक हो जाती है ।
वरुण (three leaf caper) ; आँख में सूजन या लाली हो तो इसकी छाल की पेस्ट रुई पर रखकर आँख पर बांधें ।
घृतकुमारी (aloe vera) ; इसे खाने से और सिर और माथे पर लेप करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है । ऑंखें मूँद कर इसके गूदे को रूई में लगाकर एक दो घंटे के लिए पलकों पर रखकर पट्टी बांध लें । इससे आँख के सभी रोग दूर होंगे और आँखों की रोशनी भी बढ़ेगी ।
आँवला ; यदि आंवले के ताज़े रस की दो दो बूँद आँखों में ड़ाल ली जाएँ तो नेत्रज्योति बढती है । इससे आँखों की हर तरह की परेशानी भी दूर होती है । अगर ताज़ा आंवला न मिले तो मिट्टी के बर्तन में आंवले की छाया में सुखाई हुई 2-3 कलियाँ 25 ml पानी में भिगो दें । इस पानी को शीशी में भरकर रख लें । इस पानी की भी दो -दो बूँद आँखों में ड़ाल सकते हैं । इसकी 5-7 कलियाँ 50-60 ml पानी में रात को भिगो दें । सवेरे यह पानी छानकर इससे eyewash करें । एक छोटे बर्तन में इसे डालकर आँखें खोलें और बंद करें । आँखों की ज्योति बढाने के लिए दो तीन चम्मच रस प्रात:काल लें या हर रोज़ आधा या एक चम्मच आंवला पावडर पानी के साथ ले सकते हैं । आमलिकी रसायन की बहुत थोड़ी सी मात्रा लेना आँखों के लिए बहुत लाभकारी होता है ।
अरण्ड (castor) ; आँख में कुछ पड़ जाए तो एक दो बूँद आँख में डालने पर वह आंसुओं के साथ बाहर आ जाएगा । यह निरापद है। पत्तों को पीसकर आँख पर बांधलें । पलकों पर लुगदी की टिक्की रखकर पट्टी बाँध लें । आँख की लालिमा व जलन समाप्त हो जायेगी ।
हल्दी (turmeric ) ; कच्ची हल्दी का घिसकर आँख में अंजन करें तो आँख के infections खत्म होते हैं ।
धनिया (coriander) ; आँख में जलन है तो, ताज़े आंवले के या सूखे आंवले के चार पांच टुकड़े और कुछ दाने धनिए के एक कप पानी में डालकर रात को भिगो दें । सवेरे इस पानी से आँख धोएं ।
मेंहदी (henna ) ; लोहे की काली कढ़ाई में मेंहदी+भृंगराज+आंवला +रतनजोत मिलाकर रात को भिगो दें । सवेरे इसमें थोडा Aloe Vera का गूदा अच्छे से मिला कर बालों में लगा कर छोड़ दें । कुछ घंटों बाद सिर धोएँ । यह आँखों के लिए भी बहुत अच्छा नुस्खा है । इससे नेत्रज्योति ठीक रहती है । आँखों में लाली हो या दर्द हो या फिर जलन हो, तो इसके पत्तों को पीसकर लुगदी बनाएँ , आँखें बंद करके इस टिकिया को रखें और पट्टी बांध कर लेट जाएँ। चाहे तो रात को बांधकर सो जाएँ ।
मेंहदी का तेल सिर पर लगाने से आँखें अच्छी रहती हैं । इसके लिए इसके 750 ग्राम पत्ते +250 ग्राम बीज +250 ग्राम इसकी छाल लेकर 4 किलो पानी में पकाएं । यह धीमी आंच पर पकाना है । जब एक चौथाई रह जाए , तो उसमें एक किलो सरसों का तेल मिला लें । फिर धीमी आंच पर पकाएं . जब केवल तेल रह जाए ; तो छानकर शीशी में भर लें । यह तेल सिर पर लगाएँ और मालिश करें । आँखों के लिए बहुत ही बढिया है ।
गेंदा (african merigold ) ; आँख में दर्द लालिमा इत्यादि हो तो पत्तों की लुगदी रुई पर रखकर आँख बंद कर पट्टी बाँध लें ।
अपामार्ग , लटजीरा ; आँख के लिए इसकी जड़ को धोकर गुलाबजल में घिसकर अंजन कर सकते हैं ।
देसी गुलाब (rose) ; गुलाब का अर्क आँखों के लिए बहुत अच्छा होता है । गुलकंद लेने से आँखों की रोशनी ठीक रहती है ।
पलाश (flame of the forest ) ; अगर आधा किलो इसकी जड़ को आठ गुना पानी में उबालते हुए अर्क (distilled water) बनाया जाए तो यह अर्क आँखों के लिए अच्छा है |
थूहर (milk bush ) ; इसके दूध में रुई भिगोकर सुखाई जाए और उसकी बत्ती बनाकर सरसों के तेल में जलाई जाए । उससे जो काजल बनाया जाएगा , वह आँखों के लिए सर्वोत्तम है । यह काजल आँख के infections खत्म करता है और नेत्रज्योति बढ़ाता है ।
कालमेघ ; 2 ग्राम आंवला +2 ग्राम कालमेघ +2 ग्राम मुलेटी का 400 ग्राम पानी में काढ़ा बनाइए और सवेरे शाम लीजिए । इससे शुगर की बीमारी के कारण हुई आँखों की समस्या ठीक होती है ।
जामुन ; आँखों में जलन हो या दर्द हो तो इसकी पत्तियों की लुगदी की टिक्की लगाकर, पट्टी आँख पर बांधें। मोतियाबिन्द हो या चश्मा उतारना हो तो आंवला और जामुन की गुठली बराबर मिलाकर 2 -2 ग्राम सवेरे शाम शहद के साथ लें।
शीशम ; अगर आँख में लाली है , दर्द है या जलन है तो इसके पत्तों की लुगदी की टिक्की आँख की पलकों पर रखकर पट्टी बांध लें।
रतनजोत (onosma) ; बालों को रंगना हो और आँखों की रोशनी बढानी हो तो ,मेंहदी की पेस्ट में रतन जोत को मिलाकर अच्छे से गर्म करें। ठंडा होने पर बालों में लगायें व कुछ देर के लिए छोड़ दें। इसके बाद पानी से सिर धो लें।
ताज़ा आंवला न मिले तो 200 ग्राम आम्लिकी रसायन (concentrated आंवले के रस का सूखा पावडर ) +20 ग्राम सप्तामृत लौह + 10 ग्राम मुक्ताशुक्ति भस्म को मिलाकर एक एक ग्राम सवेरे शाम लें .इसे शहद के साथ लिया जा सकता है . एक चम्मच सफ़ेद प्याज का रस +एक चम्मच अदरक (छिलका उतार कर) का रस +एक चम्मच नीम्बू का रस +तीन चम्मच शहद मिलाकर रख लें . सभी रस स्वच्छता और शुद्धता से छानकर लेने हैं . इस की एक एक बूँद रात को सोते समय आँख में ड़ाल लें . कभी कभी हथेली का First finger और middle finger के बीच का point (खाली पेट होना चाहिए) दबा लें। आँखों के व्यायाम के लिए; पहले बहुत दूर देखें , फिर एकदम बिलकुल पास देखें .फिर से बहुत दूर देखें . इसी तरह कई बार करें . इस प्रक्रिया को प्रतिदिन नियमित रूप से करें।
कुछ पौधों का प्रयोग भी हो सकता है :
इलायची ; इलायची का सेवन करने से आँखों की ज्योति बढती है |
दारुहल्दी (berberry) ; अगर आँखें लाल हो रही हैं या किसी भी प्रकार का संक्रमण हो गया है तो , रसौंत ( extract of दारुहल्दी) को या दारुहल्दी की जड़ की लकड़ी को घिसकर आँख में अंजन करें । आँखें ठीक हो जायेंगी ।
अगस्त्य (sesbania) ; इसकी पत्तियों का रस 1-1 बूँद आँखों में डालने से आँखों की रोशनी बढती है । ऑंखें ठीक रहती हैं ।
शिरीष ; आँख में लाली या अन्य कोई समस्या हो तो इसके पत्तों की लुगदी बनाकर उसकी टिकिया बंद आँखों पर कुछ समय के लिए रखें ।
सत्यानाशी ( argemone)( maxican prickly poppy) ; नेत्र रोगों के लिए इसके पौधे के पीले दूध (डाली तोड़ने पर पीला सा दूध निकलता है ) को संग्रहित कर लें। इसमें दो तीन बार रुई भिगोकर सुखाएं । उसे सुखाकर गाय के शुद्ध घी में बत्ती बनाकर काजल बनायें । कहते हैं कि इससे नेत्र ज्योति भी बढती है ।
बहेड़ा ( bellaric myrobalan) ; नेत्र रोग में इसके तने के छिलके को शहद में घिसकर आँखों में अंजन कर सकते हैं ।
ममीरा (gold thread cypress) ; आँखों में लाली हो या कम दीखता हो या फिर infection हो गया हो तो शुद्ध ममीरे की जड़ घिसकर आँख में अंजन कर सकते हैं ।
बकायन , महानिम्ब (bead tree) ; इसके पत्तों का रस घोटकर , सुखाकर अंजन करने से आँखों के रोग समाप्त होते हैं । आँखों को स्वस्थ रखना हो तो बकायन के फल +सौंठ +आंवला +भृंगराज बराबर मात्रा में मिलाकर एक -एक चम्मच सवेरे शाम लें ।
गुल बकावली ( ginger lily) ; आँखों की रोशनी चली गई है या आँखों से संबंधित कोई बीमारी है तो इसके फूलों का अर्क आँख में ड़ाल सकते हैं । अमरकंटक में ये फूल बहुतायत से पाए जाते हैं । पुरातन समय में अगर किसी ऋषि को आँख की समस्या होती थी , तो वे अमरकंटक जाया करते थे और आँख ठीक होने पर वापिस लौटते थे ।
वासा (malabar nut) ; आँखों के लिए त्रिफला और मुलेठी का पावडर रात को कांच के बर्तन में भिगोकर सवेरे पानी छानकर ,निथारकर, उसमें आँख डुबोकर धोएं और मुलेठी +सौंफ +आंवला बराबर मिलाकर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें ।
मुलेठी (licorice root) ; आँखों के लिए त्रिफला और मुलेठी का पावडर रात को कांच के बर्तन में भिगोकर सवेरे पानी छानकर ,निथारकर, उसमें आँख डुबोकर धोएं ; और मुलेठी +सौंफ +आंवला बराबर मिलाकर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें।
पिप्पली (long pepper) ; रतौंधी के लिए पिप्पली का काजल इस्तेमाल करें । पिप्पली के बारीक पावडर को घी में मिलाकर बत्ती बनाकर जला लें और काजल बना लें । इससे आँख भी ठीक रहेंगी ।
भृंगराज ; आँखों में दुखन हो या आँख की रोशनी कम हो तो साफ़ जगह पर उगे हुए पत्तों का रस एक दो बूँद आँख में डाला जा सकता है ।
भारंगी (turk's turban moon) ; आँखों में परेशानी हो तो इसके पत्तों की लुगदी की पट्टी आँखों पर बांधें |
दूब (grass) ; दूब पर सवेरे सवेरे नंगे पाँव चलें तो आँखें ठीक रहती हैं । आँख दुखती हैं तो घास पीसकर लुगदी की टिक्की आँख पर बाँध लें ।
तिल (sesame) ; सर्दी में तिल के फूल पर पड़ने वाली ओस को इकट्ठा करके शीशी में भर लें । इसको आँख में प्रतिदिन डालते रहने से आँखों की रोशनी बढ़ेगी ।
शतावर (asparagus) ; रतौंधी की बीमारी में इसकी कोमल पत्तियों और कोमल टहनियों की सब्जी खाएं ।
सफ़ेद प्याज(white onion) ; आँख को ठीक रखना है ; नज़र तेज़ करनी है तो इससे आँख की दवाई भी बना सकते हैं । साफ़ और स्वच्छ तरीके से सफ़ेद प्याज का रस +अदरक का रस +नीम्बू का रस बराबर मात्रा में लेकर तीनों रस के बराबर शहद मिला लें । इसे फ्रिज में सुरक्षित रखें । यह लगभग एक महीने तक उपयोगी रह सकती है । इसका एक एक बूँद आँख में डालें । देर से आँख खोलें और सामने तेज़ रोशनी न हो । ये eye drops बहुत लाभदायक होती हैं ।
पीपल (sacred fig) ; आँख में जलन हो तो इसकी छाल की लुगदी को रुई में रखकर आँखों पर बाँध लें ।
नागफनी (prickly pear) ; आँखों की लाली ठीक करनी हो तो इसके बड़े पत्ते के कांटे साफ करके उसको बीच में से फाड़ लें । गूदे वाले हिस्से को कपडे पर रखकर आँख पर बाँधने से आँख की लाली ठीक हो जाती है ।
वरुण (three leaf caper) ; आँख में सूजन या लाली हो तो इसकी छाल की पेस्ट रुई पर रखकर आँख पर बांधें ।
घृतकुमारी (aloe vera) ; इसे खाने से और सिर और माथे पर लेप करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है । ऑंखें मूँद कर इसके गूदे को रूई में लगाकर एक दो घंटे के लिए पलकों पर रखकर पट्टी बांध लें । इससे आँख के सभी रोग दूर होंगे और आँखों की रोशनी भी बढ़ेगी ।
आँवला ; यदि आंवले के ताज़े रस की दो दो बूँद आँखों में ड़ाल ली जाएँ तो नेत्रज्योति बढती है । इससे आँखों की हर तरह की परेशानी भी दूर होती है । अगर ताज़ा आंवला न मिले तो मिट्टी के बर्तन में आंवले की छाया में सुखाई हुई 2-3 कलियाँ 25 ml पानी में भिगो दें । इस पानी को शीशी में भरकर रख लें । इस पानी की भी दो -दो बूँद आँखों में ड़ाल सकते हैं । इसकी 5-7 कलियाँ 50-60 ml पानी में रात को भिगो दें । सवेरे यह पानी छानकर इससे eyewash करें । एक छोटे बर्तन में इसे डालकर आँखें खोलें और बंद करें । आँखों की ज्योति बढाने के लिए दो तीन चम्मच रस प्रात:काल लें या हर रोज़ आधा या एक चम्मच आंवला पावडर पानी के साथ ले सकते हैं । आमलिकी रसायन की बहुत थोड़ी सी मात्रा लेना आँखों के लिए बहुत लाभकारी होता है ।
अरण्ड (castor) ; आँख में कुछ पड़ जाए तो एक दो बूँद आँख में डालने पर वह आंसुओं के साथ बाहर आ जाएगा । यह निरापद है। पत्तों को पीसकर आँख पर बांधलें । पलकों पर लुगदी की टिक्की रखकर पट्टी बाँध लें । आँख की लालिमा व जलन समाप्त हो जायेगी ।
हल्दी (turmeric ) ; कच्ची हल्दी का घिसकर आँख में अंजन करें तो आँख के infections खत्म होते हैं ।
धनिया (coriander) ; आँख में जलन है तो, ताज़े आंवले के या सूखे आंवले के चार पांच टुकड़े और कुछ दाने धनिए के एक कप पानी में डालकर रात को भिगो दें । सवेरे इस पानी से आँख धोएं ।
मेंहदी (henna ) ; लोहे की काली कढ़ाई में मेंहदी+भृंगराज+आंवला +रतनजोत मिलाकर रात को भिगो दें । सवेरे इसमें थोडा Aloe Vera का गूदा अच्छे से मिला कर बालों में लगा कर छोड़ दें । कुछ घंटों बाद सिर धोएँ । यह आँखों के लिए भी बहुत अच्छा नुस्खा है । इससे नेत्रज्योति ठीक रहती है । आँखों में लाली हो या दर्द हो या फिर जलन हो, तो इसके पत्तों को पीसकर लुगदी बनाएँ , आँखें बंद करके इस टिकिया को रखें और पट्टी बांध कर लेट जाएँ। चाहे तो रात को बांधकर सो जाएँ ।
मेंहदी का तेल सिर पर लगाने से आँखें अच्छी रहती हैं । इसके लिए इसके 750 ग्राम पत्ते +250 ग्राम बीज +250 ग्राम इसकी छाल लेकर 4 किलो पानी में पकाएं । यह धीमी आंच पर पकाना है । जब एक चौथाई रह जाए , तो उसमें एक किलो सरसों का तेल मिला लें । फिर धीमी आंच पर पकाएं . जब केवल तेल रह जाए ; तो छानकर शीशी में भर लें । यह तेल सिर पर लगाएँ और मालिश करें । आँखों के लिए बहुत ही बढिया है ।
गेंदा (african merigold ) ; आँख में दर्द लालिमा इत्यादि हो तो पत्तों की लुगदी रुई पर रखकर आँख बंद कर पट्टी बाँध लें ।
अपामार्ग , लटजीरा ; आँख के लिए इसकी जड़ को धोकर गुलाबजल में घिसकर अंजन कर सकते हैं ।
देसी गुलाब (rose) ; गुलाब का अर्क आँखों के लिए बहुत अच्छा होता है । गुलकंद लेने से आँखों की रोशनी ठीक रहती है ।
पलाश (flame of the forest ) ; अगर आधा किलो इसकी जड़ को आठ गुना पानी में उबालते हुए अर्क (distilled water) बनाया जाए तो यह अर्क आँखों के लिए अच्छा है |
थूहर (milk bush ) ; इसके दूध में रुई भिगोकर सुखाई जाए और उसकी बत्ती बनाकर सरसों के तेल में जलाई जाए । उससे जो काजल बनाया जाएगा , वह आँखों के लिए सर्वोत्तम है । यह काजल आँख के infections खत्म करता है और नेत्रज्योति बढ़ाता है ।
कालमेघ ; 2 ग्राम आंवला +2 ग्राम कालमेघ +2 ग्राम मुलेटी का 400 ग्राम पानी में काढ़ा बनाइए और सवेरे शाम लीजिए । इससे शुगर की बीमारी के कारण हुई आँखों की समस्या ठीक होती है ।
जामुन ; आँखों में जलन हो या दर्द हो तो इसकी पत्तियों की लुगदी की टिक्की लगाकर, पट्टी आँख पर बांधें। मोतियाबिन्द हो या चश्मा उतारना हो तो आंवला और जामुन की गुठली बराबर मिलाकर 2 -2 ग्राम सवेरे शाम शहद के साथ लें।
शीशम ; अगर आँख में लाली है , दर्द है या जलन है तो इसके पत्तों की लुगदी की टिक्की आँख की पलकों पर रखकर पट्टी बांध लें।
रतनजोत (onosma) ; बालों को रंगना हो और आँखों की रोशनी बढानी हो तो ,मेंहदी की पेस्ट में रतन जोत को मिलाकर अच्छे से गर्म करें। ठंडा होने पर बालों में लगायें व कुछ देर के लिए छोड़ दें। इसके बाद पानी से सिर धो लें।
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