Saturday, November 19, 2011

गुडहल (shoe flower)


गुडहल को जबाकुसुम भी कहते हैं . अंग्रेजी में इसे shoe flower या china rose भी कहते हैं . यह केशों के रोग दूर करता है . सिर में रूसी , गंजापन हो या फिर बाल झड़ते हों तो इसकी 10-15 पत्तियां और फूल लेकर कूट लें . इनको 100 ग्राम नारियल के तेल में धीमी आंच पर पकाएं . जब केवल तेल रह जाए तो शीशी में भरकर रख दें . इसे रोज़ बालों में लगायें | इससे dandruff से छुटकारा मिलेगा और बाल झड़ने भी बन्द हो जाएंगे ।
                            अगर ल्यूकोरिया है , प्रमेह है या मूत्रदाह की बीमारी है तो , इसके तीन फूलों की डंडी हटाकर फूल को पीछे की तरफ से चूसें , यह मीठा लगेगा । फिर उसे चबाएं और ऊपर से पानी पी लें .  यह सवेरे खाली पेट करें .
                    मुंह में छाला हो गया है तो , इसकी तीन चार पत्तियों को चबाकर , मुंह में घुमाते रहें । फिर मुंह की लार थूक दें या फिर निगल भी सकते हैं . यह पेट के लिए भी अच्छा है . अल्सर या colitis होने पर इसकी चार -पांच पत्तियों को पीसकर शरबत बनाकर पीयें | acidity को भी यह दूर करता है ।
                                                                               यह घावों को भरने में भी मददगार है और विष को भी दूर करता है . अनीमिया में इसके फूल व पत्तों को सुखाकर पावडर भी ले सकते हैं इससे कमजोरी भी दूर होती है । इसके फूलों में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर मसलकर कांच के बर्तन में रख दें . कुछ दिन धूप दिखा दें . इस गुडहल के गुलकंद का प्रतिदिन सेवन करने से ताकत मिलती है . गर्मी में इसका शर्बत पीयें । पेशाब की जलन भी इसके सेवन से दूर होती है ।
     खांसी हो या खांसी के कारण कमजोरी हो तो इसकी 5-10 ग्राम जड़ को 400 gm पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और पीयें .
          इसे घर में अवश्य लगाना चाहिए । यह वास्तुदोष को भी दूर करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह  करता है। इसका रक्तवर्ण का पुष्प देवी को भी अर्पित किया जाता है ।

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