नकसीर होने पर इसके रस की बूँदें नाक में डालें . और इसे आधा काटकर गले में लटका लें . और गर्मियों में लू से बचने के लिए पूरी प्याज जेब में रखें . और लू लग ही जाए तो प्याज के रस की मालिश करें . बाल झड़ें और गंजापन हो तो प्याज का रस , दही , नींबू और सुहागे की खील ; ये सब मिलाकर सिर पर लगायें . कुछ देर के लिए छोड़ दें . फिर धो लें . इससे रूसी भी ठीक होती है . कान में पस है या दर्द है तो इसका रस गर्म करके डालें . ज़हरीले कीड़े ने काट लिया है तो प्याज काटकर और उसपर सेंधा नमक लगाकर रगड़ें . बिच्छू ने काटा है तो इसमें चूना भी मिला दें फिर रगड़ें . खुजली है तो , इसके रस के साथ नीम का रस मिलाकर लगायें , या केवल इसका ही रस लगा लें .
सफ़ेद प्याज पित्त और श्वास रोग में भी लाभ करती है . यह भूख बढ़ाती है . नपुंसकता खत्म करने के लिए 3 प्याज 250 ग्राम दूध में पकाएं . मावा बनने पर देसी घी में भूनें . फिर 3-4 चम्मच शहद मिलाएं और रोज़ दूध के साथ लें . पथरी है तो 4-5 प्याज का रस, शहद और पानी मिलाकर लें . अपच या कब्ज़ हो तो इसकी पत्तियों की चटनी खाएं . पीलिया होने पर 3-4 चम्मच प्याज का रस लें . लीवर या spleen की समस्या हो तो प्याज में काला नमक और नीम्बू मिलाकर लें . Periods में दर्द या अनियमितता हो तो , रस गर्म करके शहद के साथ लें . इसकी पोटली बांधकर टांग दें तो बरसाती कीड़े नहीं आते . Ascites या जलोदर की बीमारी है तो , प्याज भूनकर खानी चाहिए . फोड़ा पकाना है तो प्याज गर्म करके लगा दें . हिस्टीरिया या मूर्छा हो तो इसका रस नाक में डालें . पेट में दर्द हो तो इसके रस में हींग मिलाकर पेट पर लेप करें . इसके अलावा प्याज़ के रस में हींग और सेंधा नमक मिलाकर पी लें .
बवासीर हो तो प्याज़ के रस में मिश्री मिलाकर लें . कहीं पर घाव हो तो प्याज पीसकर , नीम का रस मिलाकर लगायें . आँख को ठीक रखना है ; नज़र तेज़ करनी है तो इससे आँख की दवाई भी बना सकते हैं . साफ़ और स्वच्छ तरीके से सफ़ेद प्याज का रस +अदरक का रस +नीम्बू का रस बराबर मात्रा में लेकर तीनों रस के बराबर शहद मिला लें . इसे फ्रिज में सुरक्षित रखें . यह लगभग एक महीने तक उपयोगी रह सकती है . इसका एक एक बूँद आँख में डालें . देर से आँख खोलें और सामने तेज़ रोशनी न हो . ये eye drops बहुत लाभदायक होती हैं .
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