Monday, November 21, 2011

दूब ( grass)



दूब पर सवेरे सवेरे नंगे पाँव चलें तो आँखें ठीक रहती हैं . आँख दुखती हैं तो घास पीसकर लुगदी की टिक्की आँख पर बाँध लें . अगर तनाव हो तो दूब पीसकर पैरों में लगायें . सिरदर्द हो तो दूब घास पीसकर चूना मिलाकर लगाइए . नकसीर हो तो इस घास के रस की चार चार बूँद नाक में डालें . मुंह में छाले हों तो इस घास के रस में फिटकरी मिलाकर कुल्ले करें .
                    पेट में acidity हो या ulcer ; infections हों या colitis की समस्या  , सभी का समाधान है कि इसका तीन चार चम्मच रस खाली पेट ले लें .  आंव हों तो इस रस में थोड़ी सौंठ भी मिला लें . White discharge की समस्या हो या bleeding अधिक हो , तब भी 3-4 चम्मच रस लेना चाहिए . गर्भपात की आशंका हो तो इस घास के 4-5 चम्मच रस में मिश्री मिलाकर दिन में तीन चार बार लें .
                                                          अगर मूत्र कम आता है , क्रेटीनीन का स्तर बढ़ा हुआ है या फिर urea का level बढ़ा हुआ है तो घास का सूखा पंचांग 10 ग्राम लें और 400 ग्राम पानी में काढ़ा बनाकर पीयें . खुजली की समस्या है तो घास में चार गुना पानी मिलाकर पकाएं . जब एक चौथाई रह जाए तो सरसों का तेल और कपूर मिलाकर खुजली वाले स्थान पर मलें . 

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