सर्पगंधा के पौधे को सांप के काटने पर दवा की तरह प्रयोग किया जाता रहा है . शायद इसीलिये इसका नाम सर्पगंधा है. यह जितना सुन्दर पौधा है , उतना गुणवान भी है .
सर्पगंधा का पौधा उच्च रक्तचाप को ठीक करता है . इसके लिए 10 gram सर्पगंधा +10 ग्राम ब्राह्मी +3 ग्राम श्वेत पर्पटी ; इन तीनो को मिलाकर 3 ग्राम की मात्रा में सवेरे सवेरे लें .
नींद ठीक से न आये तो रात को 1-2 ग्राम सर्पगंधा की सूखी पत्तियां दूध या पानी के साथ लें . अगर नींद न आती हो तो सर्पगंधा और जटामासी बराबर मात्रा में मिलाकर 1-2 ग्राम की मात्रा में सवेरे शाम लें . जब ठीक नींद आने लगे तो यह लेना बंद कर दें .
उन्माद हो या hyper activeness हो तो इसकी जड़ का पावडर आधा ग्राम से एक ग्राम तक पानी के साथ दोनों समय लें . लेकिन ठीक होते ही यह लेना बंद कर दें . ज्यादा लम्बे समय तक इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
Epilepsy की बीमारी में सर्पगंधा +जटामासी +अश्वगंधा +गाजवान+सौंफ को बराबर मात्रा में मिलाकर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें .
Epilepsy की बीमारी में सर्पगंधा +जटामासी +अश्वगंधा +गाजवान+सौंफ को बराबर मात्रा में मिलाकर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें .
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