- नींद अधिक आती हो तो सौंफ का पानी पीयें .
- एडी का दर्द हो तो मेथी का सेवन करें .
- आयरन की कमी हो तो मुनक्का और अंजीर खाएं .
- पेट में कीड़े हों तो विडंगासव या कमीला चूर्ण लें . सवेरे मरुए के पत्ते भी खा सकते है .
- Varicose veins की समस्या में कायाकल्प वटी 2-2 सवेरे शाम लें . 1 चन्द्रप्रभा वटी शाम को लें और कैशोर गुग्गल भी लें .
- गैस की समस्या है तो छाछ में लवण भास्कर चूर्ण लें या फिर गैसहर चूर्ण का प्रयोग करें .
- Acidity या arthritis की परेशानी हो तो हल्दी मेथी सौंठ बराबर मिलाकर एक चम्मच सवेरे लें . Aloe Vera का जूस चार चम्मच दिन में तीन बार लें .
- नींद न आती हो तो सर्पगंधा और जटामासी बराबर मिलाकर 1-2 ग्राम की मात्रा में सवेरे शाम लें .
- पथरी से छुटकारा पाने के लिए अश्मरीहर रस का प्रयोग करें .
- Sciatica की समस्या के लिए पैर की छोटी अंगुली के पास वाली अंगुली का acupressure करें. हरसिंगार के 2-3 पत्तों का काढ़ा सवेरे शाम पीयें . विषतिनदूक वटी भी ली जा सकती है .
- Colitis होने पर अनार रस के साथ बेल का पावडर लिया जा सकता है . बिल्वादी चूर्ण भी ले सकते हैं .
- Cyst होने पर लौकी का जूस और गोधन अर्क लें .
- सूजन होने पर गोखरू और पुनर्नवा का काढ़ा लें .
- उल्टी आती हों तो मोतीपिष्टी लें .
- B P अधिक हो तो मुक्तावटी लें .
- Cancer हो तो बाकी दवाइयों के साथ संजीवनी वटी भी ले सकते हैं .
- Heart problem हो तो हृदयामृत वटी ले सकते हैं .
- T B में अन्य दवाईयों के साथ हल्दी वाला दूध भी लेते रहें .
- उल्टी दस्त होने पर शंखभस्म और मुक्ताशुक्ति भस्म बराबर मिलाकर 1-1 ग्राम सवेरे शाम लें .
- Cramps होने पर विषतिन्दुक वटी 1-1 सवेरे शाम ले सकते हैं .
- Typhoid होने पर खूबकला 1 ग्राम +3 मुनक्का +3 अंजीर का काढ़ा बनाकर खूब घोटकर, छानकर, सवेरे शाम पीयें या दिन में तीन बार भी ले सकते हैं . एक घंटे बाद केवल चीकू , पपीता और दूध का सेवन करें . भूख लगे भी तो मूंग की दाल का पानी पीयें .
- सर्दी अधिक लगने पर बाँये कान में रुई ड़ाल लें . गर्मी अधिक लगे तो दाँये कान में रुई डालें .
- जिसे हिचकी लग गई हों , उसे कोई ऐसी बात कह दें , जिससे वह भौचक रह जाए . एकदम हिचकी बंद हो जायेंगी .
- सिर में गंजापन हो या इंद्रलुप्त ( एलोपेशिया - जिसमें गोलाई में कुछ हिस्से के बाल infection की वजह से उड़ जाते हैं ) की बीमारी हो, तो नारियल के तेल में ततैये के तीन चार छत्ते और दो सौ ग्राम गूलर के पत्तों का रस डालकर पकाएं . जब केवल तेल बच जाए , तो उस तेल की मालिश करें . इसके अलावा कौड़ी को नीम्बू के रस में डालकर रखें . जब वह घुल जाए तो उसकी मालिश सिर पर प्रतिदिन करने से भी गंजापन दूर होता है .
- दो तीन महीने के बच्चे का पेट खराब हो , या बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी हो तो अतीस के कंद का एक ग्राम का दसवां हिस्सा शहद में घिसकर चटायें . इससे दांत निकलते समय बच्चों को जो बुखार आता है , वह भी ठीक होता है और बच्चों का बौद्धिक विकास भी अच्छा होता है .
- एडी का दर्द हो तो मेथी का सेवन करें .
- आयरन की कमी हो तो मुनक्का और अंजीर खाएं .
- पेट में कीड़े हों तो विडंगासव या कमीला चूर्ण लें . सवेरे मरुए के पत्ते भी खा सकते है .
- Varicose veins की समस्या में कायाकल्प वटी 2-2 सवेरे शाम लें . 1 चन्द्रप्रभा वटी शाम को लें और कैशोर गुग्गल भी लें .
- गैस की समस्या है तो छाछ में लवण भास्कर चूर्ण लें या फिर गैसहर चूर्ण का प्रयोग करें .
- Acidity या arthritis की परेशानी हो तो हल्दी मेथी सौंठ बराबर मिलाकर एक चम्मच सवेरे लें . Aloe Vera का जूस चार चम्मच दिन में तीन बार लें .
- नींद न आती हो तो सर्पगंधा और जटामासी बराबर मिलाकर 1-2 ग्राम की मात्रा में सवेरे शाम लें .
- पथरी से छुटकारा पाने के लिए अश्मरीहर रस का प्रयोग करें .
- Sciatica की समस्या के लिए पैर की छोटी अंगुली के पास वाली अंगुली का acupressure करें. हरसिंगार के 2-3 पत्तों का काढ़ा सवेरे शाम पीयें . विषतिनदूक वटी भी ली जा सकती है .
- Colitis होने पर अनार रस के साथ बेल का पावडर लिया जा सकता है . बिल्वादी चूर्ण भी ले सकते हैं .
- Cyst होने पर लौकी का जूस और गोधन अर्क लें .
- सूजन होने पर गोखरू और पुनर्नवा का काढ़ा लें .
- उल्टी आती हों तो मोतीपिष्टी लें .
- B P अधिक हो तो मुक्तावटी लें .
- Cancer हो तो बाकी दवाइयों के साथ संजीवनी वटी भी ले सकते हैं .
- Heart problem हो तो हृदयामृत वटी ले सकते हैं .
- T B में अन्य दवाईयों के साथ हल्दी वाला दूध भी लेते रहें .
- उल्टी दस्त होने पर शंखभस्म और मुक्ताशुक्ति भस्म बराबर मिलाकर 1-1 ग्राम सवेरे शाम लें .
- Cramps होने पर विषतिन्दुक वटी 1-1 सवेरे शाम ले सकते हैं .
- Typhoid होने पर खूबकला 1 ग्राम +3 मुनक्का +3 अंजीर का काढ़ा बनाकर खूब घोटकर, छानकर, सवेरे शाम पीयें या दिन में तीन बार भी ले सकते हैं . एक घंटे बाद केवल चीकू , पपीता और दूध का सेवन करें . भूख लगे भी तो मूंग की दाल का पानी पीयें .
- सर्दी अधिक लगने पर बाँये कान में रुई ड़ाल लें . गर्मी अधिक लगे तो दाँये कान में रुई डालें .
- जिसे हिचकी लग गई हों , उसे कोई ऐसी बात कह दें , जिससे वह भौचक रह जाए . एकदम हिचकी बंद हो जायेंगी .
- सिर में गंजापन हो या इंद्रलुप्त ( एलोपेशिया - जिसमें गोलाई में कुछ हिस्से के बाल infection की वजह से उड़ जाते हैं ) की बीमारी हो, तो नारियल के तेल में ततैये के तीन चार छत्ते और दो सौ ग्राम गूलर के पत्तों का रस डालकर पकाएं . जब केवल तेल बच जाए , तो उस तेल की मालिश करें . इसके अलावा कौड़ी को नीम्बू के रस में डालकर रखें . जब वह घुल जाए तो उसकी मालिश सिर पर प्रतिदिन करने से भी गंजापन दूर होता है .
- दो तीन महीने के बच्चे का पेट खराब हो , या बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी हो तो अतीस के कंद का एक ग्राम का दसवां हिस्सा शहद में घिसकर चटायें . इससे दांत निकलते समय बच्चों को जो बुखार आता है , वह भी ठीक होता है और बच्चों का बौद्धिक विकास भी अच्छा होता है .
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