पीलिया होने पर अरंड के पत्तों का रस 4-5 चम्मच सवेरे शाम लें . सवेरे खाली पेट लें . यह पांच दिन तक लें . घी और हल्दी न लें . हल्का भोजन जैसे ज्वार की रोटी , छाछ आदि खाएं . भुने हुए चने खाएं . इससे यह रोग ठीक होता है . प्राणायाम करते रहने से और भी मदद मिलती है ।
पुनर्नवा (साठी ) की जड़ के छोटे छोटे टुकड़ों की माला पहनने मात्र से ही पीलिया में लाभ होना प्रारम्भ हो जाता है । पुनर्नवा की जड़ का पावडर 10 ग्राम की मात्रा में लेकर 400 ग्राम पानी में मंदी आंच पर काढ कर एक चौथाई रहने पर लें . यह कुछ दिन सवेरे शाम लें । इससे भी पीलिया रोग ठीक होता है ।
श्योनाक ( टोटला ) की छाल का 20 ग्राम पावडर लेकर उसे 300 ग्राम पानी में रात को मिट्टी के बर्तन में भिगो दें । सवेरे सवेरे इस पानी के सेवन से भी पीलिया रोग में आराम आता है ।
सर्वकल्प क्वाथ , उदरामृत वटी आदि औषधियों का सेवन किया जा सकता है ।
पुनर्नवा (साठी ) की जड़ के छोटे छोटे टुकड़ों की माला पहनने मात्र से ही पीलिया में लाभ होना प्रारम्भ हो जाता है । पुनर्नवा की जड़ का पावडर 10 ग्राम की मात्रा में लेकर 400 ग्राम पानी में मंदी आंच पर काढ कर एक चौथाई रहने पर लें . यह कुछ दिन सवेरे शाम लें । इससे भी पीलिया रोग ठीक होता है ।
श्योनाक ( टोटला ) की छाल का 20 ग्राम पावडर लेकर उसे 300 ग्राम पानी में रात को मिट्टी के बर्तन में भिगो दें । सवेरे सवेरे इस पानी के सेवन से भी पीलिया रोग में आराम आता है ।
सर्वकल्प क्वाथ , उदरामृत वटी आदि औषधियों का सेवन किया जा सकता है ।
No comments:
Post a Comment