Sunday, November 6, 2011

सेमल (silk cotton tree )


सेमल की रुई तकियों में भरी जाती है . इसकी रुई के तकिए से अच्छी नींद आने में मदद मिलती है . चेहरे पर फोड़े फुंसी हों तो इसकी छाल या काँटों को घिसकर लगा लो . इसके फूल के डोडों की सब्जी खाने से आंव (colitis) की बीमारी ठीक होती है .  अगर शरीर में कमजोरी है तो इसके डोडों का पावडर एक-एक चम्मच घी के साथ सवेरे शाम लें और साथ में दूध पीयें . अगर माताओं को दूध कम आता हो तो इसकी जड़ की छाल का पावडर लें . स्तन में शिथिलता हो तो  इसके काँटो पर बनने वाली गांठों को घिसकर लगायें . गर्मी की परेशानी हो , या प्रदर की शिकायत हो तो इसकी छाल को कूटकर शहद के साथ लें . 
                                      जलने पर इसकी छाल को घिसकर लगाया जा सकता है . सेमल का गोंद रात को भिगोकर सवेरे मिश्री मिलाकर खाने से शरीर की गर्मी दूर होती है और ताकत आती है . अगर खांसी हो तो सेमल की जड़ का पावडर काली मिर्च और सौंठ मिलाकर लें .
                                सेमल के विशाल वृक्ष के नीचे जब ढेर से रुई से भरे हुए फल गिरते हैं ; तो उन्हें इकट्ठा कर मुलायम सी रुई निकलना बड़ा अच्छा लगता है . 

No comments:

Post a Comment