अश्वगंधा का एक एक पत्ता दिन में तीन बार गर्म पानी से लें . केवल तीन दिन तक . फिर 15 दिन बाद यही प्रक्रिया दोहरा लें . इससे मोटापा कम होता है . अगर कहीं दर्द है तो इसका पत्ता गर्म करके बांधें . Angina की परेशानी है तो अर्जुन की छाल और अश्वगंधा की जड़ मिलाकर प्रात: सांय लें . इससे हृदय को ताकत मिलती है .अश्वगंधा की जड़ का पावडर मस्तिष्क के लिए भी अच्छा है . खांसी है तो इसकी जड़ों का काढ़ा लें . छोटे बच्चों को भूख नहीं लगती तो इसका पाउडर आधा ग्राम की मात्रा में दिया जा सकता है। इसे ऐसी भी चटाया जा सकता है और पानी के साथ भी दिया जा सकता है। इससे मस्तिष्क की शक्ति भी बढ़ती है। बहुत छोटे बच्चे को भी मूंग के दाने के बराबर इसका पाउडर चटाया जा सकता है।
अगर शारीरिक कमजोरी है और वजन नहीं बढ़ता तो इसकी जड़ों का पावडर 2-3 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ लें . दूध से परेशानी हो तो पानी से भी ले सकते हैं . इससे white discharge समाप्त हो जाता है और शरीर की क्षमता बढ़ती है . कमर दर्द हो तब भी इसे सवेरे शाम लें . जोड़ों का दर्द हो तो इसे दवा के साथ मिलाकर लें . अगर इसे हल्दी और मेथी (बीज ) के साथ मिलाकर लिया जाए; एक एक चम्मच सवेरे शाम , तो जोड़ों के दर्द के साथ sciatica की बीमारी भी खत्म होती है . यह uric acid को कम करता है . छोटे बच्चे की पसली चलती है , तो इसकी जड़ घिसकर चटा दें . चाहे तो शहद मिलाकर चटा दें .
कितनी अद्भुत बात है कि एक ही पौधे का पत्ता वज़न घटाता है और जड़ का पावडर वज़न बढाता है !
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