Thursday, October 20, 2011

कुछ सरल प्रयोग

- मोथा घास की जड का पावडर गठिया का उत्तम उपचार है . एक चम्मच पावडर सवेरे शाम लें . इसके अलावा हल्दी , मेथी , सौंठ को मिलाकर सवेरे खाली पेट एक एक चम्मच लें . Aloe Vera का जूस लें . घुटनों में दर्द हो तो अरंड के पत्ते पर सरसों का तेल लगाकर गर्म करके रोज़ रात को बांधें .
- पीलिया में दिन में तीन बार तीन से पांच दिन तक अरंड के पत्तों का दो चम्मच रस लें . रस लेने के एक घंटे बाद कुछ हल्का खाएं ; जैसे मक्की या चने की रोटी छाछ आदि . इसके अतिरिक्त अगर आक की एक बिलकुल छोटी सी कोंपल को पान के पत्ते में रखकर तीन दिन खाया जाए तो इससे भी पीलिया ठीक होता है .
- Hepatitis होने पर श्योनाक की छाल और अरंड का प्रयोग करें या फिर भूमि आंवला +पुनर्नवा +मकोय का काढ़ा लें . इसके लिए 10 ग्राम जड़ी बूटी को 400 ग्राम पानी में पकाएं . 
- Platelets बढ़ाने हों तो पपीते के पत्ते का रस +गिलोय की डंडी का रस +Aloe Vera का रस मिलाकर लें 
- Kidney की समस्या हो तो सवेरे नीम के पत्तों का रस 2-3 चम्मच लें और शाम को पीपल के पत्तों का रस 2-3 चम्मच लें . रस को पानी में मिलाकर ले सकते हैं .
- Colitis की समस्या हो तो कच्ची बेल का पावडर सवेरे शाम लें . दोपहर में छाछ में लवण भास्कर चूर्ण एक चम्मच मिलाकर लें . दूध , घी बंद कर दें . अनार का रस 60 ml दिन में दो तीन बार लें . आम की गुठली भूनकर उसका चूर्ण बना लें . इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में छाछ के साथ लें .
- शीशम के पत्ते हर तरह की bleeding रोकते हैं ; चाहे uterus की हो , नकसीर हो या hemophilia ही क्यों न हो . इसके 6-7 पत्तों का शर्बत लें या ऐसे ही पत्ते चबाकर पानी पी लें . थोडा ठंडा ज्यादा होता है इसलिए एक दो काली मिर्च भी चबा लें . शीशम के पत्ते पसीने की समस्या भी खत्म करते हैं और white discharge की भी . इसका प्रयोग गर्भावस्था में भी सुरक्षित है . गूलर के पत्तों का रस लेने से भी bleeding ठीक हो जाती है .
- Dandruff है तो सुहागे की खील (अंदाज़े से लें ) +नीम के पत्तों का रस 2-3 चम्मच +दही 3-4 चम्मच  +नारियल का तेल 1 चम्मच ; मिलाकर एक घंटे तक रखें फिर सिर धो लें .
- बहुत पुराना बुखार है तो आक की जड़ मूंग के दाने के बराबर सवेरे तीन दिन तक लें . गिलोय की डंडी का रस या काढ़ा तो लेते ही रहें .
- पुराना बुखार है तो आक की छोटी सी कोंपल पान के पत्ते में रखकर तीन दिन सवेरे सवेरे खाएं . दिन में दो तीन बार गिलोय भी ले लें .
- यात्रा में उल्टियाँ आती हैं तो घर से चलते समय उस पैर के तलुए के नीचे आक का पत्ता रख लें जिस तरफ का नाक का स्वर चल रहा हो .
- शीत पित्त होने पर एक चम्मच देसी घी (गाय का हो तो बेहतर ) ,पांच बताशे (न हो तो खांड ) , और पांच काली मिर्च एकदम खा लें . नारियल के तेल में कपूर डालकर रखें और त्वचा पर लगायें . नमक , मीठा कम खाएं.  इसके अलावा गूलर की कोमल पत्तियों का रस 10-15 ml सवेरे सवेरे लें या उसके कच्चे फलों का चूर्ण एक एक चम्मच सवेरे शाम लिया जा सकता है . इसके अतिरिक्त शीतपित्त होने पर एक चम्मच देसी घी , 3-4 काली मिर्च खाकर तुरंत एक कप पीपल के पत्तों का रस पी लें . अगर ऐसा 8-9 दिन लगातार कर लिया जाए तो शीत पित्त से पूरी तौर पर भी छुटकारा मिल सकता है .
- Heart की तकलीफ में सुबह घीया का जूस लें . (ठंडा होता है , सर्दियों में काली मिर्च भी डाल लें ) . इसमें तुलसी के पत्ते भी ड़ाल लें . घीया कडवा न हो , यह ध्यान रखें . अर्जुन की छाल का भी प्रयोग करें .
- शुगर की बीमारी के लिए सवेरे सवेरे एक टमाटर ,एक करेला और एक खीरा(कडवा न हो ) इनका जूस लें . इसमें पांच पत्ते नीम के, पांच फूल सदाबहार के मिलाकर जूस निकालें तो श्रेष्ठ रहेगा . सदाबहार के एक दो पत्ते भी डाल दें 
- संतान प्राप्ति न होती हो तो स्त्रियाँ शिवलिंगी और पुत्रजीवक के बीजों का चूर्ण एक ग्राम सवेरे , एक ग्राम शाम को खाली पेट लें या फिर पलाश के बीज और मिश्री मिलाकर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें .
- गर्भपात की समस्या हो तो धतूरे की जड़ कमर में बाँध कर रखें . Delivery के समय अपामार्ग (चिरचटा) की जड़ कमर में बाँध लें और delivery के बाद तुरंत हटा दें . इससे बहुत सुगमता रहती है .
- श्योनाक (सोना पाठा , टोटला) की लकड़ी  के गिलास में रात को 200 ml पानी रखें . सवेरे सवेरे पी लें . Lever संबंधी सभी बीमारियाँ ठीक हो जायेंगी और कभी होंगी भी नहीं .
- मुटापा है तो अश्वगंधा का एक एक पत्ता दिन में तीन बार तीन दिन तक गर्म पानी से लें . 15 दिन बाद फिर यही करें और ऐसे ही करते रहें . कभी ठंडा पानी न पीयें . सोने से दो घंटे पहले खाना खा लें .
- पीले ततैये का छत्ता नारियल के तेल में जला लें . इस तेल के प्रयोग से गंजेपन में लाभ होता है .
- गर्भावस्था में गर्भपात होने की शंका हो तो गूलर के दूध की 2-3 बूँद बताशे में डालकर लें या उसकी कोमल पत्तियों का रस लें . धतूरे की जड़ कमर में बाँध लें . शीशम के पत्तों का रस या पावडर ले लें .
- त्वचा के जलने पर एकदम Aloe Vera का गूदा लगा लें . उसी समय जलन खत्म हो जायेगी और बहुत जल्दी recovery होगी . दाग भी नहीं पड़ेगा .
- जले हुए के निशान खत्म करने हों तो गूलर के फल को घिसकर शहद में मिलाकर लगायें .
- नींद कम आती हो तो पलाश के बीजों के पावडर में मिश्री मिलाकर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें . सहदेवी के पौधे शयन कक्ष में रखें . तकिये के नीचे गुलाब की पंखुडियां रख लें . इसके अलावा अनार की 2-3 ग्राम कोमल पत्तियों को कुचलकर 200 ml पानी में उनका काढ़ा बनायें और सोने से पहले लें .
- बच्चों को पेट में कीड़े होने पर अंग्रेजी दवाईयाँ देते रहने से शुगर की बीमारी होने लगी है .  बच्चों को पेट में कीड़े हों तो सवेरे खाली पेट मरुए के पत्तों का रस पिलाते रहें . इसकी चटनी नियमित रूप से खिलाने पर कीड़े होंगे ही नहीं . कमीला चूर्ण 1-2 ग्राम सवेरे एक दो दिन दे दें या फिर विडंगासव  एक दो दिन दे दें . करेले का 20 ml जूस भी सवेरे पिला सकते हैं पर वह बच्चों को कडवा लगेगा . पलाश के बीज का पावडर भी 1-2 ग्राम की मात्रा में दे सकते हैं . सवेरे सवेरे खाली पेट टमाटर खिलाने से भी पेट के कीड़े मर जाते है . सूखे करी पत्ते का पावडर 3 ग्राम की मात्रा में सवेरे खाली पेट लेने से भी कीड़े समाप्त होते हैं .
- लहसुन कूटकर सरसों के तेल में जला लें . इसे पैरों के तलुओं पर अच्छी तरह मलने पर जुकाम में आराम  जाता है . लहसुन में बदबू आती हो, तो तेल में अदरक जला लें . एलर्जी से छींक आती हों तो षडबिंदु तेल दोनों नथुनों में डालें और सूंघें .
- बड़ का 2-3 बूँद बताशे में डालकर खाना शक्तिदायक होता है .
- बवासीर के लिए सवेरे सवेरे गाय के उबले और ठन्डे किये हुए दूध में एक नीम्बू का रस मिलाकर तुरंत पी लें . यह तीन दिन करें . नागदोन के छोटे छोटे तीन पत्ते और दो तीन काली मिर्च सवेरे सवेरे लेने से भी बवासीर ठीक होती है .
- जोड़ों  के  दर्द के  लिए हल्दी , मेथी , सौंठ बराबर मात्रा में मिलाकर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें . Aloe Vera गर्म पानी के साथ लें .
- एडी में दर्द हो तो हल्दी और मेथी का प्रयोग करें .
- सर्दी  अधिक  लग रही हो तो बांये कान में रुई डालकर रखें . अगर गर्मी अधिक लग रही है तो दांये कान में रुई डालकर रखें .
- पसीने में बदबू आती हो तो बेल के पत्तों का शर्बत पीयें . पसीना अधिक आता हो तो शीशम के पत्तों का शर्बत काली मिर्च के साथ लें .
- Acidity महसूस हो रही हो तो थोड़े साबुत धनिए के बीज मुंह में डालकर खाते और चूसते रहें .
- आँखों के लिए आंवले का सेवन करें . सवेरे सवेरे मुंह में पानी भरकर दोनों आँखों में पानी के खूब छींटे मारें . फिर मुंह का पानी बाहर निकल दें .
- Sciatica  की समस्या है तो हरसिंगार के 2-3 पत्तों का काढ़ा बनाकर सवेरे शाम पीयें . एक डेढ़ महीने तक लगातार लेते रहने से आराम आता है .
- Lips फटने की समस्या हो तो नाभि में तेल या देसी घी लगाएं .

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