इसका जूस हृदय रोग , high B P, खांसी , रुककर पेशाब आना , प्रमेह , जी मिचलाना जैसी अनेक बीमारियों में लाभदायक है . अगर anaemia या थैलेसीमिया जैसी बीमारी है तो इसके जूस में wheat grass और गिलोय का रस भी मिलाना चाहिए . Kidney की समस्या में या फिर urea बढ़ा हुआ हो तो इसके पत्तियों की सब्जी खाएं . इसके डंठलों की सब्जी भी खाई जा सकती है . त्वचा की समस्या हो तो इसके पत्तों का रस पीयें . अगर पथरी की समस्या है तो इसकी जड़ उबालकर पीयें . लौकी कडवी नहीं होनी चाहिए ; इसका जूस हानिकारक हो सकता है .
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