Monday, January 23, 2012

लौकी (bottle gourd)

 
लौकी को घीया और दूधी भी कहा जाता है . ताज़ी लौकी का छिलका चमकदार होता है . इसे गरम पानी से अच्छी तरह धोकर इसका जूस निकालना चाहिए . इसके जूस में सेब का जूस मिला लें तो यह स्वादिष्ट हो जाता है . इसके जूस को सवेरे खाली पेट काली मिर्च मिलाकर और थोड़ा गुनगुना करके लेना चाहिए . इसका जूस acidity  को कम करता है और indigestion की समस्या को खत्म करता है . इसके जूस में तुलसी या पोदीना भी मिलाया जा सकता है . 
                      इसका जूस हृदय रोग , high B P,  खांसी , रुककर पेशाब आना , प्रमेह , जी मिचलाना जैसी अनेक बीमारियों में लाभदायक है . अगर anaemia या थैलेसीमिया जैसी बीमारी है तो इसके जूस में wheat grass और गिलोय का रस भी मिलाना चाहिए . Kidney की समस्या में या फिर urea बढ़ा हुआ हो तो इसके पत्तियों की सब्जी खाएं . इसके डंठलों की सब्जी भी खाई जा सकती है .  त्वचा की समस्या हो तो इसके पत्तों का रस पीयें . अगर पथरी की समस्या है तो इसकी जड़ उबालकर पीयें .  लौकी कडवी नहीं होनी चाहिए ;  इसका जूस हानिकारक  हो सकता है .

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