महानिम्ब या बकायन के पेड़ के पत्ते नीम के पत्तों से मिलते जुलते होते हैं ; लेकिन इसके फल निम्बौरी की तरह न होकर कुछ कुछ रुद्राक्ष की तरह होते हैं . सर्दियों के दिनों में तो केवल गोल गोल फल गुच्छों में लगे हुए ही पेड़ पर रह जाते हैं और लगभग सारे पत्ते झड़ जाते हैं . तब ऐसा लगता है कि पूरा वृक्ष गहरे पीले भूरे रंग के beads से लद गया हो . इसलिए इसे bead tree भी कहते हैं. रक्तशुद्धि और त्वचा के रोगों में यह बहुत लाभकारी है . त्वचा के रोगों के लिए इसकी 10 ग्राम छाल को 200 ग्राम पानी में पकाएं जब रह जाए 50 ग्राम ; तो इसे पी लें . यह सवेरे शाम खाली पेट लें . खुजली हो तो इसके पत्तों के रस की मालिश करें . सिर में dandruff हो तो इसकी पत्तियों का रस बालों की जड़ में लगायें .
अगर constipation हो और piles की शिकायत हो तो इसके सूखे बीजों का 3 ग्राम पावडर खाली पेट ताज़े पानी या छाछ के साथ सवेरे शाम लें . मुंह में छाले हों , मसूढ़ों में सूजन हो और दुर्गन्ध आती हो तो इसकी छाल पानी में उबालकर , फिटकरी मिलाकर , कुल्ले करें . White discharge की समस्या हो तो इसके बीज का पावडर +आंवला +मुलेठी मिलाकर 1-1 ग्राम सवेरे शाम ले लें . इसके पत्तों का रस घोटकर , सुखाकर अंजन करने से आँखों के रोग समाप्त होते हैं . आँखों और बालों को स्वस्थ रखना हो तो बकायन के फल +सौंठ +आंवला +भृंगराज बराबर मात्रा में मिलाकर एक -एक चम्मच सवेरे शाम लें . गले में गण्डमाला हो ,goiter हो या शरीर में कहीं भी गांठें हों या excess fats deposition हो गया हो, तो इसकी पत्तियां +छाल +इसके बीज बराबर मात्रा में मिलाकर , एक -एक चम्मच सवेरे शाम लें .
अगर पेट में कीड़े हों तो इसके फल का पावडर 2-2 ग्राम सवेरे शाम लें . गर्भाशय की कोई भी समस्या हो तो इसके पत्तों का रस 4-5 ग्राम सवेरे शाम लें . Infection होने पर पत्तों को पानी में उबालकर , फिटकरी मिलाकर धो लें . Sciatica की समस्या होने पर इसकी जड़ की छाल 10 ग्राम +5-7 निर्गुन्डी के पत्ते का काढ़ा बनाकर सवेरे शाम लें . गठिया होने पर इसकी पत्त्यां उबालकर बाँध लें . बुखार होने पर इसकी 4-5 ग्राम छाल में तुलसी के पत्ते डालकर काढ़ा बनाकर पीयें . किडनी की समस्या हो तो इसकी छाल उबालकर सवेरे शाम लें . बकायन का प्रयोग बहुत अधिक नहीं करना चाहिए , इससे lever पर जोर पड़ सकता है .
कहते हैं कि इसके फलों की माला पहनने से या खिड़की में बाँधने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है
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