रुद्रवंती को रुदंती भी कहते हैं . संस्कृत में इसे संजीवनी भी कहा जाता है . इसकी पत्तियां की पत्तियों जैसी होती हैं . इस पर हमेशा ओस की बूँदें होती हैं . कहते हैं की यह पौधा रात को चमकता है . यह हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है . इसे रसायन माना जाता है ; अर्थात जीवनी शक्ति का पोषण करने वाला . पहले यह धारणा थी कि इससे पारे को सोने में परिवर्तित कर सकते हैं . लेकिन यह सच है कि इसके रस को बार बार तांबे पर लगाकर गर्म करें ; लगभग 5-7 बार ; तो तांबा पीला हो जाता है और दमकने लगता है . इसकी जड़ पहाडी कठोर भूमि में 5-6 फुट तक गहरी जाती है . इसे घर में रखने मात्र से वातावरण शुद्ध रहता है . बुखार हो तो थोड़ी सी रुद्रवंती गिलोय के काढ़े में मिला लें . त्वचा की परेशानी हो तो नमक का सेवन बंद कर दें और कायाकल्प क्वाथ में थोड़ी रुद्रवंती मिला लें . किसी भी प्रकार की औषधि में इसे थोडा सा मिलाने पर औषधि की क्षमता बढ़ जाती है . दमा इत्यादि हर प्रकार की बीमारी में यह लाभ करती है .
ReplyDeleteकृपया रुद्रवंती के पौधे का चित्र डालें
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