हृदय रोग में अर्जुन की छाल और बहेड़े के फल के छिलके का चूर्ण मिलाकर या तो ऐसे ही ले लें या फिर काढ़ा बनाकर पीयें . पुराने से पुराने बुखार में बहेड़ा और गिलोय को उबालकर , छानकर पीयें . White discharge की समस्या हो अथवा kidney में समस्या हो दोनों ही के लिए ,इसका पावडर और मिश्री बराबर मात्रा में मिलाएं और एक -एक चम्मच सवेरे शाम लें .Thyroid की समस्या में भी यह लाभ करता है .
नेत्र रोग में इसके तने के छिलके को शहद में घिसकर आँखों में अंजन कर सकते हैं . इसके फल की गिरी की बारीक पेस्ट बनाकर बालों में लगाई जाए तो बाल मजबूत होते हैं और उनमें कोई रोग भी नहीं होते . बहेड़े के फल के छिलके का नियमित रूप से सेवन करने से मोटापा भी कम होता है . खुजली की समस्या के लिए इसकी मींगी (फल का बीज ) का तेल +मीठा तेल (तिल का तेल ) मिलाकर मालिश करनी चाहिए .
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