गुल बकावली के सफ़ेद फूल खिले हुए ऐसे प्रतीत होते हैं , मानो पूरा गुलदस्ता पौधे पर सजा दिया गया हो . इसका मुख्य गुण है कि यह मस्तिष्क को शांत करता है और अशांत मनोदिशा को बदल देता है . इसको देखने से, सूंघने से और आस पास रखने मात्र से चित्तवृत्तियाँ बदलती हैं . इसके फूलों को गुलदस्ते में रखा जाए तो कई दिन तक तरो ताज़ा रहते हैं . ये मौसमी फूल घरों में या आफिस में ; कहीं पर भी लगाये जा सकते हैं . यह पौधा कंद या कहें कि bulb द्वारा उगाया जाता है . इनके फूलों की माला पहनने से भी मन शांत रहता है . इसके आस पास रहने से तामसिक और राजसिक प्रभाव कम होकर , सात्विक प्रभाव बढ़ता है . घबराहट दूर होती है ; शरीर के toxins कम होते हैं और बैक्टीरिया और वायरस भी समाप्त होते हैं . ये सौम्य पुष्प दिमाग की उग्रता समाप्त कर , शान्ति प्रदान करते हैं और घर के वातावरण को खुशनुमा बनाते हैं . इन्हें आस पास रखने से बेचैनी और भय समाप्त होते हैं .
अगर मानसिक तनाव या अनिंद्रा की बीमारी है तो इसके फूल या पौधे को शयन कक्ष में रखें . सिरदर्द है तो इसके फूल पीसकर माथे पर लेप करें . आँखों की रोशनी चली गई है या आँखों से संबंधित कोई बीमारी है तो इसके फूलों का अर्क आँख में ड़ाल सकते हैं . अमरकंटक में ये फूल बहुतायत से पाए जाते हैं . पुरातन समय में अगर किसी ऋषि को आँख की समस्या होती थी , तो वे अमरकंटक जाया करते थे . और आँख ठीक होने पर वापिस लौटते थे . अगर कहीं पर सूजन या दर्द है तो इसके पत्तों को थोडा गर्म करके बाँध सकते हैं .
आजकल के तनावपूर्ण वातावरण में यह पौधा अवश्य ही अपने आस पास लगाना चाहिए .
No comments:
Post a Comment