करेला कड़वा भले ही हो ; लेकिन दिव्य गुणों से परिपूर्ण है .
सिरदर्द में इसकी पत्तियों को पीसकर माथे पर लगायें . मुंह के छालों के लिए पत्तियों का रस छालों पर लगाकर लार बाहर निकाल दें . करेले का रस भी यही काम करेगा .इससे मुंह के छाले ठीक हो जायेंगे. कब्ज़ के लिए करेले की सब्जी खाएं .
बहुत छोटे बच्चे के पेट में अफारा हो तो इसकी एक बूँद रस बच्चे की जीभ पर डालें ; इसमें शहद भी मिला सकते हैं .
पेट के कीड़ों के लिए 50 से 100 मि० ली० करेले का रस सवेरे खाली पेट लें. यह देखा गया है कि कीड़े मारने की दवाइयाँ खाने से साइड इफैक्ट्स तो होते ही हैं ; कई बार पेट के कीड़े भी पूरी तरह समाप्त नहीं होते . लेकिन 50 मी० ली० करेले का रस चार पांच दिन खाली पेट सवेरे सवेरे ले लिया जाए ,तो पेट के कीड़े तो मर ही जाते हैं ;कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता .
हाँ इसकी मात्रा इससे ज्यादा नहीं लेनी चाहिए . ज्यादा मात्रा में इसका रस दस्त लगा सकता है. इसके रस से बवासीर की शिकायत भी दूर होती है .
मधुमेह के लिए एक खीरा एक टमाटर और एक करेला और दो चार नीम दो चार सदाबहार के पत्ते व फूल का जूस निकालें और सवेरे खाली पेट लें .
अगर सोंठ, पीपल,और काली मिर्च को करेले के जूस के साथ मिलकर लिया जाए तो लीवर ठीक होता है पीलिया भी ठीक होता है . इसका थोडा सा रस खाली पेट ले लिया जाए तो त्वचा सम्बन्धी विकार भी नहीं होते
खाज व खुजली में नीम का रस और करेले का रस मिलाकर खाल पर मालिश की जाए तो आशातीत सफलता मिलती है .
करेले के सब्जी नियमित रूप से लेने पर नई माताओं को भरपूर दूध आता है ; साथ ही गर्भाशय की सूजन और संक्रमण से छुटकारा मिलता है . इसकी सब्जी खाने से इससे जोड़ों के दर्द में भी लाभ होता है . फोड़ा न पके तो इसकी जड़ घिसकर फोड़े पर लगा दें . फोड़े की पस निकल जाएगी .
पथरी के लिए भी इसका थोड़ी मात्रा में रस खाली पेट लिया जा सकता है .कच्चा करेला भूनकर यदि घुटनों पर बांधा जाए तो जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है
करेला कड़वा है ; परन्तु इसके सभी गुण मीठे हैं !
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