दूध में इसे पीसकर डालने से दूध सुपाच्य हो जाता है और अफारा होने की सम्भावना कम हो जाती है . यह पाचक रसों को बढाता है . आँतों को बल देता है .
गुटका , तम्बाकू , पान मसाला, खैनी आदि व्यसनों से छुटकारा पाना हो तो इलायची बहुत मददगार है . दालचीनी के टुकड़े +इलायची के दाने +लौंग+भुनी हुई सौंफ +भुनी हुई अजवायन ; इन सभी को उचित मात्रा में मिलाकर रख लें . इसका सुबह शाम प्रयोग करें .
नशा छुड़ाना हो तो ,5 ग्राम इलायची +250 ग्राम अजवायन को मिलाकर दो लिटर पानी में पका लें . जब रह जाए आधा लिटर तो बोतल में भरकर रख लें . सवेरे शाम भोजन के बाद एक कप (200 ml) पी लें . इससे शराब पीने की इच्छा तो छूट ही जायेगी ; साथ ही नशे के कारण शरीर या पेट को पहुंची सभी परेशानियों से भी मुक्ति मिलेगी . पेट का अफारा , indigestion आदि सभी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा . अफीम आदि के नशे से भी यह पानी छुटकारा दिलाता है .
बड़ी इलायची के दानों का पावडर अर्जुन की छाल के काढ़े में डालकर पीने से एंजाइना , हृदय की समस्या में भी लाभ होता है . मुंह में अधिक लार बनती हो तो इसका प्रयोग उसे ठीक कर देता है . नपुंसकता की समस्या हो तो इलायची + बला के बीज + तुलसी के बीज मिलाकर प्रात:, शाम सेवन करें . इससे प्रदर(white discharge) और प्रमेह की समस्या भी दूर होती है .
सर्दी , ज़ुकाम , कफ को ठीक करने के लिए लौंग ,तुलसी और इलायची की चाय या काढ़ा बनाकर पीयें . इलायची का सेवन करने से आँखों की ज्योति भी बढती है . बेल का पावडर 10 ग्राम +1 ग्राम इलायची सुबह शाम लेने से पेट की सभी बीमारियों , जैसे colitis , गैस , अफारा आदि से छुटकारा मिलता है .
इलायची का नित्य प्रति सेवन करने से शरीर में सुगन्धि आती है . यह केवल मसाला ही नहीं औषधि भी है . यह बहुत ऊँचाई पर पैदा होती है . लेकिन अपने गमले में भी इसे उगाया जा सकता है . इसके पुष्प बहुत सुन्दर होते हैं .
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