खजूर केवल स्वादिष्ट ही नहीं होता ; कफ और बलगम को भी खत्म करता है . 10-15 खजूरों को, बीज निकालकर दूध में पकाएँ और पी लें . इससे कमजोरी भी मिटेगी. शुक्राणुक्षीणता की समस्या भी ठीक होगी . Prostate या kidney की समस्या हो तो चार पांच छुहारे ( सूखी खजूर ) रात को भिगोकर सवेरे खाली पेट चबा चबाकर खाएं . खजूर रक्त शोधक होता है और रक्त को बढाता भी है .
खजूर पेट साफ़ करने में सहायक होता है . बच्चे बिस्तर में पेशाब करते हों तो खजूर वाला दूध दें .पेशाब कम आता हो तो इसके पेड़ की पत्तियां कूटकर , मिश्री मिलाकर शर्बत की तरह पीयें . इस शर्बत को पीने से ताकत भी आती है . प्रमेह की बीमारी में इसके 3-4 पत्तों का शरबत 15-20 दिन पीयें . दमा के रोगी भी खजूर को दूध में पकाकर ले सकते हैं . अगर बवासीर की बीमारी हो तो खजूर बहुत कम खाने चाहिए . वैसे भी बहुत अधिक खजूर नहीं खाने चाहिएँ , क्योकि इसका पाचन मुश्किल होता है .
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