फूलों का हार भगवान को समर्पित करना हो या किसी विशिष्ट जन को ; गेंदा ही शोभायमान करता है . पवित्रता और सुन्दरता से भरे इस फूल में दैवी गुण विद्यमान हैं . इसकी माला धारण करने मात्र से मन की प्रसन्नता बढ़ती है . दांत या मसूढ़ों में सूजन या दर्द है तो इसके फूलों की पत्तियां या इसकी हरी पत्तियां चबाकर , उँगलियों से मसूढ़े की मालिश करें . बाद में अच्छे से कुल्ला कर लें इसके अतिरिक्त इसके फूलों के रस में सेंधा नमक मिलकर मसूढ़ों की मालिश करने से भी आराम मिलता है . इसके पत्तों के रस में गरम पानी मिलाकर नमक डालकर गरारे करने से गले में भी लाभ होता है .
आँख में दर्द लालिमा इत्यादि हो तो पत्तों की लुगदी रुई पर रखकर आँख बंद कर पट्टी बाँध लें .कान में पस या दर्द हो तो इसके पत्तों का रस पीसकर 2-2 बूँद कान में टपकाएं. Piles की समस्या हो या anus बाहर आने की , इसके फूलों की 3 ग्राम पत्तियां पीसकर , मिश्री मिलाकर खाली पेट खाएं . Piles में इसकी हरी पत्तियों का 4-5 चम्मच रस सवेरे शाम खाली पेट लिया जा सकता है .
कहीं भी घाव या सूजन हो तो इसकी पत्तियां और फूल उबालकर ,उस पानी से धोएं . मुहासे या झाइयाँ हों तो इसके फूल व पत्तियों के रस को चेहरे पर मलें . पेशाब खुलकर न आता हो या urine में infection हो तो इसकी 5-10 ग्राम पत्तियों का रस खाली पेट लें . खांसी या श्वास रोग में इसके 3-4 ग्राम सूखे फूल पत्तियों का काढ़ा पीयें . इसमें तुलसी और काली मिर्च दाल दें तो और भी अच्छा है . इस काढ़े को पीने से allergy भी ठीक हो जाती है . इसके पत्तों की लुगदी लगाने से शरीर की किसी भी तरह की गाँठ ठीक होती है .
शरीर में कमजोरी है तो फूल की पंखुडियां उखाडकर सफ़ेद वाले भाग को सुखाकर 20 ग्राम में 50 ग्राम मिश्री मिलाएं . फिर इसका एक चम्मच सवेरे दूध के साथ लें . इसके पंखुड़ी के नीचे का काला बीज 3-5 ग्राम कामशक्ति बढाता है ; लेकिन 5 ग्राम से अधिक लेने पर कामशक्ति कम करता है . कितना अद्भुत संयोग है ! इसके सूखे फूल की पंखुड़ियों की चाय स्वादिष्ट भी होती है और लाभदायक भी . जापान ,चीन आदि देशों में तो इसी तरह की अलग -अलग जड़ी बूंटीयों की चाय पीई जाती है . वे लोग कितने स्वस्थ रहते हैं !
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इसे घर में लगाने से वास्तुदोष समाप्त होते हैं और ग्रहों की शान्ति होती है . क्यों न अपने घरों में इसे उगाकर हम इसका भरपूर लाभ उठाएँ .
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