Thursday, September 15, 2011

मेंहदी रंग लाएगी !(henna)

मेंहदी का नाम सुनते ही मुझे तो सावन की तीज का त्यौहार याद आता है . लेकिन आजकल मेंहदी बालों को रंगने के लिए ज्यादा प्रयोग में लाई जाती है. लोहे की काली कढ़ाई में मेंहदी+भृंगराज+आंवला +रतनजोत मिलाकर रात को भिगो दें . सवेरे इसमें थोडा Aloe Vera का गूदा अच्छे से मिला कर बालों में लगा कर छोड़ दें . कुछ घंटों बाद सिर धोएँ . बाल मज़बूत होंगे , अच्छा रंग चढ़ेगा और सबसे अच्छी बात यह है कि यह सिरदर्द और आँखों के लिए भी अच्छा नुस्खा है . अगर बिलकुल काले रंग के बाल करने हैं , तो नील के पत्ते भी पीसकर मिला दें .
         अगर अरंड के पत्तों के साथ मेंहदी की पत्तियों को पीसकर तेल में पकाकर, थोड़ा भूनकर घुटनों पर बाँधा जाए , तो दर्द में आराम मिलता है . अगर मुंह में छाले हो गये हों तो इसके पत्तों को पानी में उबालकर कुल्ले करें , या पत्तियों को मुंह में थोड़ी देर चबाएं और थूक दें . छाले ठीक हो जायेंगे . यदि E.S.R. बढ़ गया है, शरीर में pus cells बढ़ गए हैं  ; prostate बढ़ गया है या पथरी की शिकायत है  ; तो मेंहदी की  2-3 ग्राम छाल और 2-3 ग्राम पत्तियां लेकर उसे 200 ग्राम पानी में पकाएं . जब आधा रह जाए तो खाली पेट पी लें .
                              अगर मूर्छा आती हो , तो कुछ पत्तों का शरबत तुरंत पीयें ; आराम मिलेगा . गर्मी बहुत ज्यादा लगती हो या पीलिया हो गया हो तो 3-4 ग्राम पत्तियां लेकर पीस लें और 300-400 ग्राम पानी में रात को मिटटी के बर्तन में भिगो दें . सवेरे इसमें मिश्री मिलाकर खाली पेट पीयें . इससे hormones का असंतुलन भी ठीक होता है. मेहंदी को शरीर पर लेप करने मात्र से हारमोन संतुलित होने लगते हैं . इसका लेप लगाने से और पत्तों का शरबत पीने से पसीने का हथेलियों पर आना , और पसीने की बदबू आदि खत्म हो जाते  हैं .  
                                     हाथ में जलन होती हो , पसीना अधिक आता हो , बिवाई बहुत फटती हों तो इसके पत्ते पीस कर लेप करें . सिरदर्द रहता हो तो इसमें तुलसी के पत्ते मिलाकर माथे पर लेप करें . मेंहदी का तेल भी सिर के लिए बहुत अच्छा है . इसके लिए इसके 750 ग्राम पत्ते +250 ग्राम बीज +250 ग्राम इसकी छाल लेकर 4 किलो पानी में पकाएं  . यह धीमी आंच पर पकाना है . जब एक चौथाई रह जाए , तो उसमें एक किलो सरसों का तेल मिला लें . फिर धीमी आंच पर पकाएं . जब केवल तेल रह जाए ; तो छानकर शीशी में भर लें . यह तेल बालों के लिए, आँखों के लिए और सिरदर्द के लिए बहुत ही बढिया है .
 
                                 त्वचा के सभी रोगों के लिए, चाहे वह eczema हो या psoriasis ; पैर की अँगुलियों के बीच में गलन हो , या फुंसियाँ हो ; सभी के लिए मेंहदी और नीम के पत्ते पीसकर लगाइए . आँखों में लाली हो या दर्द हो या फिर जलन हो, तो इसके पत्तों को पीसकर लुगदी  बनाएँ , आँखें बंद करके इस टिकिया को रखें और पट्टी बांध कर लेट जाएँ . चाहे तो रात को बांधकर सो जाएँ .
                     और जब मेंहदी लगाई जाए गोरे गोरे हाथों पर; तो हथेलियों की सुन्दरता में चार चाँद लग जाते हैं!



                       

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