तुम मुस्कुराते हो .
देख मेरा सूनापन,
बोझिल सा ये जीवन,
मंद मंद गाते हो ?
काँटों के रस्तों में ,
कंकड़ पत्थर पथ में,
घावों से लथपथ हो,
चलती हूँ मैं हठ से .
देख मेरी दीन दशा,
कितना इतराते हो !
कितना इतराते हो !
तुम मुस्कुराते हो .
कदम कदम मुश्किल है .
उलझा सा हर पल है.
पंथ सूझता नहीं ,
आगे गहरा तम है .
साथ तो देते नहीं ;
पर ठहाके लगाते हो !
तुम मुस्कुराते हो .
चलना है बोझ लिए;
मुश्किल है कौन जिए ;
जीना तो फिर भी है;
संकट को साथ लिए.
देख मेरी दुर्दशा ,
तुम गुनगुनाते हो !
तुम मुस्कुराते हो .
आहों में दर्द लिए ;
पीड़ा के घूँट पिए ;
सागर भर देती हूँ ,
आंसू में जहर लिए .
उत्पीडन देख देख,
बांछे खिलाते हो !
तुम मुस्कुराते हो.
पीड़ा से कातर हो,
टूट टूट जाती हूँ.
बेबस हो तब दुःख से,
आँचल फैलाती हूँ.
कनखी से मुझे देख ,
तुम मुस्कुराते हो.
पीड़ा से कातर हो,
टूट टूट जाती हूँ.
बेबस हो तब दुःख से,
आँचल फैलाती हूँ.
कनखी से मुझे देख ,
आँख तुम चुराते हो !
चुपके से बच बच के,
दूर चले जाते हो !
गायब हो जाते हो !!
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