Saturday, April 7, 2012

pregnancy


गर्भवती महिलाओं को बहुत सावधानियाँ रखनी पडती हैं . आजकल बच्चों को जन्म से ही बीमारियाँ सताने लगती हैं . अगर स्वस्थ बच्चे चाहिएँ तो गर्भावस्था में ही माँ को अपना ध्यान रखना होगा .
                                सवेरे और शाम को धीमी गति  से सभी लगभग  प्राणायाम किये जा सकते हैं . लेकिन कपालभाति प्राणायाम बिलकुल भी नहीं करना चाहिए .  भर्स्तिका प्राणायाम ; (यानि धीमे धीमे फेफड़े पूरे भरकर , फिर धीरे धीरे सांस छोड़ना ) , और अनुलोम विलोम प्राणायाम तो बहुत आसानी से किये जा सकते हैं .
                   उल्टियाँ आने की समस्या होने पर थोड़ी सी मोतीपिष्टी  चाट लें . यह समस्या ठीक हो जाएगी.इससे कोई नुक्सान भी नहीं होता .
                                                        अगर थायराइड की समस्या है तो दवा न लें .  अंगूठे के नीचे वाले गुदगुदे पॉइंट पर acupressure करें . इसके अतिरिक्त उज्जाई प्राणायाम करें;  अर्थात मुंह बंद करके , आवाज़ करते हुए  नाक से साँस अंदर खींचें . इससे गले अन्दर के हिस्से में थोडा सा खिंचाव भी महसूस होता है . जब फेफड़े पूरे भर जाएँ तो कुछ क्षण तक सांस भरे रहने दें . बाद में बाएं नथुने से धीरे धीरे सांस छोड़ें . यह उज्जाई प्राणायाम दो या तीन बार तक करें . इससे थायराइड की समस्या नहीं होगी .
                                               उच्च रक्तचाप की समस्या हो जाए तो अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से बहुत हद तक ठीक किया जा सकता है . इसके साथ लौकी का जूस भी गुनगुना करके लें. शीशम के चार पांच पत्तों का रस लेना भी इसमें मदद करता है .  अगर मुक्तावटी  का भी सेवन कर लिया जाए तो रक्त चाप ठीक हो जाता है . इससे गर्भस्थ शिशु को भी कोई हानि नहीं होती . प्राणायाम करने से बच्चे को पूरी  oxygen की मात्रा मिलती है , जो कि बच्चे के समुचित विकास के लिए बहुत आवश्यक है .
                                                          अगर बुखार हो जाए तो गिलोय की डंडी का सेवन करें . ताज़ी न मिले तो अमृता सत या गिलोय घन वटी ले सकते हैं .  इसके लिए सुदर्शन घनवटी  भी ली जा सकती है . बुखार में  अंग्रेजी दवाइयां न लें . इससे बच्चे में विकलांगता आ सकती है .
                                                       सूजन हो तो एक चम्मच गोखरू +एक चम्मच पुनर्नवा को एक गिलास पानी में मंदी आंच पर उबालें .जब आधा गिलास रह जाए तो ठंडा करके  पी लें . इससे कोई हानि नहीं है .  दशमूल का थोड़ी कम मात्रा में,  प्रयोग कर सकते हैं . सर्वक्ल्प क्वाथ  भी सूजन खत्म करता हैं .
                                       अगर  ब्लीडिंग की जरा भी समस्या आ जाए तो घबराएँ नहीं . शीशम के पत्तों  का रस देने से यह समस्या बिलकुल ठीक हो जाती है . सर्दी के दिन हों तो इसमें थोड़ी काली मिर्च मिला लें . किसी भी प्रकार के discharge होने पर यही प्रयोग पूरी तरह कारगर रहता है .
                                   गर्भावस्था में  स्वाध्याय अवश्य करें और  स्वस्थ विचार रखें . किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से बचें . भ्रामरी प्राणायाम भी सवेरे दो तीन बार अवश्य करें . अवश्य ही आपके घर में एक पुण्यात्मा का आगमन होगा .

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