नकसीर की समस्या अक्सर गर्मी के दिनों में हो जाती है . नाक से खून बहना प्रारम्भ हो जाता है , जो कि बड़ी कठिनाई से बंद होता है .
प्राकृतिक चिकित्सा के तौर पर इसके लिए छोटे छोटे उपाय किये जा सकते हैं . गाँव में तो इसके लिए मक्खन निकलने से पहले जो अधबिलोया दही होता है ; वह दिया जा सकता है . यह नकसीर का बहुत ही अच्छा इलाज है . कुछ ही दिन यह दही लेने से नकसीर की समस्या हल हो जाती है .
शीशम या पीपल के पत्तों को पीसकर या कूटकर , उसका रस नाक में 4-5 बूँद ड़ाल दिया जाए तो एक क्षण में में ही तुरंत आराम आता है .
अगर लगातार शीशम के पत्ते पीसकर उनका शर्बत सवेरे शाम पीया जाए तो नकसीर की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाती है . ठंडी तासीर वालों को इसमें काली मिर्च मिला लेनी चाहिए . बिल्व ( बेल) के पत्ते भी साथ में डालकर शरबत पीने से और भी अधिक लाभ होता है .
अनुलोम- विलोम प्राणायाम प्रतिदिन सवेरे शाम खाली पेट करते रहने से, नकसीर की समस्या, हो ही नहीं सकती . नकसीर की बीमारी से बचने के लिए गर्म चीज़ न खाएं . बैंगन इत्यादि कुछ सब्जियां भी गर्म होती हैं ; इनके सेवन से बचें .
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