गठिया के रोग में हरेक जोड़ पर सूजन आ जाती है और गाँठ बन जाती है . R.A factor 20 से ऊपर चला जाता है , E S R 15 से ज्यादा हो जाता है और uric acid 7 से ऊपर हो जाता है . कभी कभी तो हड्डियाँ भी टेढ़ी मेढ़ी हो जाती हैं . इसके लिए एक चम्मच मेथी रात को भिगोकर या फिर अंकुरित करके सवेरे सवेरे खाएं . इसके अलावा हल्दी +मेथी +सौंठ + तिल बराबर मात्रा में मिलाकर भी एक एक चम्मच सवेरे शाम लिया जा सकता है . Acidity , ulcer या piles की समस्या हो तो यह मिश्रण कम मात्रा में लें .
लहसुन के छोटे छोटे टुकड़े करके सवेरे खाली पेट ले सकते हैं . मोथा घास की जड़ का पावडर एक एक चम्मच लेने से तो अदभुत लाभ होता है . Aloe Vera जूस चार चार चम्मच सवेरे शाम लेने से भी गठिया में बहुत आराम आता है . Aloe Vera जूस या गूदा सभी के लिए कारगर रहता है ; चाहे कोई उष्ण प्रकृति के व्यक्ति हों या फिर शीत प्रकृति के .
इस बीमारी में बहुत सी औषधियां काम में लाई जाती हैं , जैसे कि पुनर्नवादि मंडूर , वृहतवाद चिंतामणि (1-2 ग्राम ) , सिंहनाद गुग्ग्लु , त्रिद्शाम गुग्ग्लु , प्रवालपिष्टी , मुक्ताशुक्ती, दशमूल क्वाथ , पीडान्तक क्वाथ आदि . निर्गुन्डी का रस भी इसमें बहुत लाभदायक होता है .
ज्यादातर गठिया की बीमारी में योगराज गुग्ग्लु +चन्द्रप्रभावटी+ शिलाजीत रसायन की एक एक गोली दिन में दो बार या तीन बार दी जाती है . इससे ही गठिया में बहुत आराम आ जाता है .
इस बीमारी में खट्टी और भारी चीज़ों से परहेज बताया जाता है . आधा घंटा कपालभाती और अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से जल्द ही आराम आना प्रारम्भ हो जाता है . Ring finger की top पर दबाने से और हथेलियों के पीछे अँगुलियों के बीच के channels की मालिश करने से भी अच्छे परिणाम आते हैं .
लहसुन के छोटे छोटे टुकड़े करके सवेरे खाली पेट ले सकते हैं . मोथा घास की जड़ का पावडर एक एक चम्मच लेने से तो अदभुत लाभ होता है . Aloe Vera जूस चार चार चम्मच सवेरे शाम लेने से भी गठिया में बहुत आराम आता है . Aloe Vera जूस या गूदा सभी के लिए कारगर रहता है ; चाहे कोई उष्ण प्रकृति के व्यक्ति हों या फिर शीत प्रकृति के .
इस बीमारी में बहुत सी औषधियां काम में लाई जाती हैं , जैसे कि पुनर्नवादि मंडूर , वृहतवाद चिंतामणि (1-2 ग्राम ) , सिंहनाद गुग्ग्लु , त्रिद्शाम गुग्ग्लु , प्रवालपिष्टी , मुक्ताशुक्ती, दशमूल क्वाथ , पीडान्तक क्वाथ आदि . निर्गुन्डी का रस भी इसमें बहुत लाभदायक होता है .
ज्यादातर गठिया की बीमारी में योगराज गुग्ग्लु +चन्द्रप्रभावटी+ शिलाजीत रसायन की एक एक गोली दिन में दो बार या तीन बार दी जाती है . इससे ही गठिया में बहुत आराम आ जाता है .
इस बीमारी में खट्टी और भारी चीज़ों से परहेज बताया जाता है . आधा घंटा कपालभाती और अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से जल्द ही आराम आना प्रारम्भ हो जाता है . Ring finger की top पर दबाने से और हथेलियों के पीछे अँगुलियों के बीच के channels की मालिश करने से भी अच्छे परिणाम आते हैं .
जानकारी भरी पोस्ट। गठिया के रोगी और परिवारजनों के लिये लाभदायक।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद !
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