ये भजन मुझे बहुत प्रिय है....
सांसों का क्या भरोसा
रुक जाएँ कब कहाँ पर
प्रभु का तू नाम जप ले
यही आसरा यहाँ पर
मत हँस कभी किसी पे
न सता कभी किसी को
क्या जाने कल को तेरा
क्या हाल हो यहाँ पर
जो हंस जैसा जीवन
चाहता है ए बशर तू
चुन ले गुणों के मोती
बिखरे जहाँ जहाँ पर
कर कर्म इतना ऊंचा
कि बुलंदियों को छू ले
इज़्ज़त से नाम तेरा
आ जाए हर ज़ुबां पर
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