किडनी के रोगों में इसके पंचांग का काढ़ा लें . या फिर 5-5-5 ग्राम वासा ,पीपल और नीम मिलाकर मिटटी के बर्तन में काढ़ा बनाकर पीयें .इससे uric acid भी कम होगा और कफ भी कम होगा . छोटे से बच्चे को खांसी हो तो इसके पत्तियों के रस की 2-3 बूँद शहद में मिलाकर बच्चे को चटाएं. चाहें तो एक दो बूँद अदरक का रस भी मिला लें . बड़े व्यक्ति आधा से एक चम्मच रस शहद मिलाकर ले सकते हैं . Lung fibrosis हो , स्वर तंत्र खराब हो या श्वास की बीमारी हो तो ताजे फूलों का रस लें या फिर इसके पंचांग के टुकड़े कर के 10-15 ग्राम लें इसे 400 ग्राम पानी में काढ कर जब 100 ग्राम रह जाए तो पीयें ; सुबह दोपहर और शाम . लगभग 2-3 दिन में ही लाभ नजर आने लगता है .
यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है . रक्त को भी शुद्ध करता है . Sinus की समस्या में इसके पत्तियों के रस की 4-4 बूँद नाक में डालें . सारा कफ निकल जाएगा . किसी भी तरह की एलर्जी को भी यह ठीक करता है . इसे गमले में भी लगाया जा सकता है .
आँतों के infection में इसमें बराबर मात्रा में मुलेठी मिलाकर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें .
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