सिर में जूएँ हो गयी हों तो 50 ग्राम पत्तों को 400 ग्राम पानी में उबालें . जब 100 ग्राम रह जाए तो सिर की जड़ों में लगा लें . एक दो घटे बाद धो दें . इसमें उबलने से पहले भृंगराज मिला लें तो और भी अच्छा है . दमा हो तो इसके 2-3 पत्ते और एक ग्राम सौंठ मिलाकर काढ़ा बनाएँ और पीयें . खांसी हो तो इसकी पत्तियों के पावडर को शहद में मिलाकर चाटें .
पेट में अफारा हो तो 5 ग्राम तेजपत्ता और अदरक का काढ़ा शहद मिलाकर लें . उबकाई आती हों तो इसकी 5 ग्राम पत्तियां उबालकर सवेरे शाम लें . Kidney में पथरी हो तब भी इसकी पत्तियों का उबला पानी सवेरे शाम लें .
हृदय रोग होने पर या angina की समस्या में , 3-4 तेजपत्ता +2 लौंग +3-4 ग्राम देसी गुलाब की पंखुडियां मिलाकर पानी में उबालकर छानकर पीयें .
गर्भाशय की शुद्धि के लिए अजवायन +सौंठ +तेजपत्ता उबालकर पिलायें . Allergy या छींकें आने पर तेजपत्ते का काढ़ा पिलायें . अफारा या वायु गोला हो तो पत्ते उबालकर सेंधा नमक मिलाकर दें .
नकसीर आती हो तो इसकी पत्तियां उबालकर मसलकर छानकर पिलायें .. इसकी पत्तियों का काढ़ा जोड़ों के दर्द में भी लाभ करता है .
No comments:
Post a Comment