Monday, December 5, 2011

तेजपत्ता (bay leaves)


तेजपत्ता मसाला ही नहीं औषधि भी है इसके पत्तों का काढ़ा सर्दी जुकाम भगाता है . सिरदर्द हो तो इसके 4-5 पत्तों  का  काढ़ा  पीयें  और  पत्ते  पीसकर  सिर पर  लेप  करें .
                                                 सिर में जूएँ हो गयी हों तो 50 ग्राम पत्तों को 400 ग्राम पानी में उबालें . जब 100 ग्राम रह जाए तो सिर की जड़ों में लगा लें . एक दो घटे बाद धो दें . इसमें उबलने से पहले भृंगराज मिला लें तो और भी अच्छा है . दमा हो तो इसके 2-3 पत्ते और एक ग्राम सौंठ मिलाकर काढ़ा बनाएँ और पीयें . खांसी हो तो इसकी पत्तियों के पावडर को शहद में मिलाकर चाटें .
                                     पेट में अफारा हो तो 5 ग्राम तेजपत्ता और अदरक का काढ़ा शहद मिलाकर लें . उबकाई आती हों तो इसकी 5 ग्राम पत्तियां उबालकर सवेरे शाम लें . Kidney में पथरी हो तब भी इसकी पत्तियों का उबला पानी सवेरे शाम लें .
                               हृदय रोग होने पर या angina की समस्या में , 3-4 तेजपत्ता +2 लौंग +3-4 ग्राम देसी गुलाब की पंखुडियां मिलाकर पानी में उबालकर छानकर पीयें .
                                                   गर्भाशय की शुद्धि के लिए अजवायन +सौंठ +तेजपत्ता उबालकर पिलायें . Allergy या छींकें आने पर तेजपत्ते का काढ़ा पिलायें . अफारा या वायु गोला हो तो पत्ते उबालकर सेंधा नमक मिलाकर दें .
                                    नकसीर आती हो तो इसकी पत्तियां उबालकर मसलकर छानकर पिलायें .. इसकी पत्तियों का काढ़ा जोड़ों के दर्द में भी लाभ करता  है .  

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