बकायन , महानिम्ब ( bead tree) ; शरीर में कहीं भी गांठें हों या excess fats deposition हो गया हो, तो इसकी पत्तियां +छाल +इसके बीज बराबर मात्रा में मिलाकर , एक -एक चम्मच सवेरे शाम लें ।
पंवाड, चक्रमर्द (foetid cassia) ; इसकी पत्तियों की लुगदी बाँधने से गाँठ और सूजन खत्म होते हैं ।
गुलदाउदी (chrysanthemum) ; कहीं पर गाँठ हो गयी हो तो इसकी जड़ घिसकर लगायें ।
बथुआ (chenopodium) ; अगर शरीर में गांठें हो गई हैं तो , पूरे पौधे को सुखाकर 10 ग्राम पंचांग का काढ़ा पिलायें ।
हल्दी (turmeric) ; कहीं पर गाँठ हो तो हल्दी और सरसों का तेल मिलाकर गर्म करें और गाँठ पर बाँध लें । रोज़ सवेरे खाली पेट दो या तीन ग्राम हल्दी लेने से शरीर की हर प्रकार की गाँठ खत्म हो जाती है , फिर चाहे वह कहीं भी क्यों न हों !
गेंदा (african merigold ) ; इसके पत्तों की लुगदी लगाने से शरीर की किसी भी तरह की गाँठ ठीक होती है ।
छुईमुई (touch me not ) ; गाँठ या कैंसर की सम्भावना हो तो , इसकी जड़ और अश्वगंधा की जड़ घिसकर लगाएँ । कहीं पर भी गाँठ है तो इसके 5 ग्राम पंचांग का काढ़ा पीएँ ।
गिलोय ; गिलोय का प्रयोग करते रहने से tumor ठीक हो जाते हैं ।
पलाश (flame of the forest ) ; कहीं पर गाँठ हो तो इसके पत्ते गर्म करके पुल्टिस बांधें ।
कचनार ; कचनार की छाल शरीर की सभी प्रकार की गांठों को खत्म करती है। 10 gram गीली छाल या 5 ग्राम सूखी छाल 400 ग्राम पानी में उबालें जब आधा रह जाए तो पी लें। इससे सभी तरह की गांठें ऊपरी या भीतर की , कैंसर की गांठ , tumor ,फोड़े -फुंसी , गलगंड आदि सब ठीक हो जाता है। गर्भाशय की गांठेंभी खत्म होती हैं।
स्नायु तंत्र में गाँठ हो तो इसकी इसकी छाल +तुलसी की चाय बनाकर पी लें।
शीशम ; अगर कहीं पर भी गाँठ है , यहाँ तक की कैंसर की भी ; इसके पत्तों को पीसकर लगाने से खत्म हो जाती हैं। इसके अलावा अगर पत्तों को बिना पीसे तेल लगाकर गर्म करके बांधा जाए तब भी गाँठ ठीक होती हैं।
पंवाड, चक्रमर्द (foetid cassia) ; इसकी पत्तियों की लुगदी बाँधने से गाँठ और सूजन खत्म होते हैं ।
गुलदाउदी (chrysanthemum) ; कहीं पर गाँठ हो गयी हो तो इसकी जड़ घिसकर लगायें ।
बथुआ (chenopodium) ; अगर शरीर में गांठें हो गई हैं तो , पूरे पौधे को सुखाकर 10 ग्राम पंचांग का काढ़ा पिलायें ।
हल्दी (turmeric) ; कहीं पर गाँठ हो तो हल्दी और सरसों का तेल मिलाकर गर्म करें और गाँठ पर बाँध लें । रोज़ सवेरे खाली पेट दो या तीन ग्राम हल्दी लेने से शरीर की हर प्रकार की गाँठ खत्म हो जाती है , फिर चाहे वह कहीं भी क्यों न हों !
गेंदा (african merigold ) ; इसके पत्तों की लुगदी लगाने से शरीर की किसी भी तरह की गाँठ ठीक होती है ।
छुईमुई (touch me not ) ; गाँठ या कैंसर की सम्भावना हो तो , इसकी जड़ और अश्वगंधा की जड़ घिसकर लगाएँ । कहीं पर भी गाँठ है तो इसके 5 ग्राम पंचांग का काढ़ा पीएँ ।
गिलोय ; गिलोय का प्रयोग करते रहने से tumor ठीक हो जाते हैं ।
पलाश (flame of the forest ) ; कहीं पर गाँठ हो तो इसके पत्ते गर्म करके पुल्टिस बांधें ।
कचनार ; कचनार की छाल शरीर की सभी प्रकार की गांठों को खत्म करती है। 10 gram गीली छाल या 5 ग्राम सूखी छाल 400 ग्राम पानी में उबालें जब आधा रह जाए तो पी लें। इससे सभी तरह की गांठें ऊपरी या भीतर की , कैंसर की गांठ , tumor ,फोड़े -फुंसी , गलगंड आदि सब ठीक हो जाता है। गर्भाशय की गांठेंभी खत्म होती हैं।
स्नायु तंत्र में गाँठ हो तो इसकी इसकी छाल +तुलसी की चाय बनाकर पी लें।
शीशम ; अगर कहीं पर भी गाँठ है , यहाँ तक की कैंसर की भी ; इसके पत्तों को पीसकर लगाने से खत्म हो जाती हैं। इसके अलावा अगर पत्तों को बिना पीसे तेल लगाकर गर्म करके बांधा जाए तब भी गाँठ ठीक होती हैं।
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