Thursday, January 22, 2015

गाँठ , fat deposition !

बकायन , महानिम्ब ( bead tree) ;  शरीर में कहीं भी गांठें हों या excess fats deposition हो गया हो, तो इसकी पत्तियां +छाल +इसके बीज बराबर मात्रा में मिलाकर , एक -एक चम्मच सवेरे शाम लें ।     

 पंवाड, चक्रमर्द (foetid cassia) ;   इसकी पत्तियों की लुगदी बाँधने से गाँठ और सूजन खत्म होते हैं ।  

गुलदाउदी (chrysanthemum)  ;  कहीं पर गाँठ हो गयी हो तो इसकी जड़ घिसकर लगायें ।  

बथुआ (chenopodium)  ; अगर शरीर  में गांठें हो गई हैं तो , पूरे पौधे को सुखाकर 10 ग्राम पंचांग का काढ़ा पिलायें । 

हल्दी (turmeric)  ;  कहीं पर गाँठ हो तो हल्दी और सरसों का तेल मिलाकर गर्म करें  और गाँठ पर बाँध लें ।  रोज़ सवेरे खाली पेट दो या तीन ग्राम हल्दी लेने से शरीर की हर प्रकार की गाँठ खत्म हो जाती है , फिर चाहे वह कहीं भी क्यों न हों ! 

गेंदा (african merigold )  ;  इसके पत्तों की लुगदी लगाने से  शरीर की किसी भी तरह की गाँठ ठीक होती है ।  

छुईमुई (touch me not )  ;  गाँठ या कैंसर की सम्भावना हो तो , इसकी जड़ और अश्वगंधा की जड़ घिसकर लगाएँ । कहीं  पर भी  गाँठ है तो इसके 5 ग्राम पंचांग का काढ़ा पीएँ । 

गिलोय  ;  गिलोय का प्रयोग करते रहने से tumor ठीक हो जाते हैं ।  

पलाश (flame of the forest )  ;   कहीं पर गाँठ हो तो इसके पत्ते गर्म करके पुल्टिस बांधें ।  

कचनार  ;  कचनार की छाल शरीर की सभी प्रकार की गांठों को खत्म करती है।  10 gram गीली छाल या 5 ग्राम सूखी छाल 400 ग्राम पानी में उबालें जब आधा रह जाए तो पी लें।  इससे सभी तरह की गांठें ऊपरी या भीतर की , कैंसर की गांठ , tumor ,फोड़े -फुंसी , गलगंड आदि सब ठीक हो जाता है।  गर्भाशय की गांठेंभी  खत्म होती हैं। 
 स्नायु तंत्र में गाँठ हो तो इसकी इसकी छाल +तुलसी की चाय बनाकर पी लें। 

शीशम  ;  अगर कहीं पर भी गाँठ है , यहाँ तक की कैंसर की भी ; इसके पत्तों को पीसकर लगाने से खत्म हो जाती हैं।  इसके अलावा अगर पत्तों को बिना पीसे तेल लगाकर गर्म करके बांधा जाए तब भी गाँठ ठीक होती हैं। 

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