बेंगलुरु से वापस आते समय राजधानी एक्सप्रेस में एक युवक मेरे पास आया। उसने बड़ी विनम्रता से मुझसे पूछा कि सबसे ऊपर वाली बर्थ क्या आपकी है?
मैंने कहा, "हां। वह मेरे लिए आरक्षित है।" उस युवक ने मुझे बताया कि सबसे नीचे की बर्थ उसके लिए आरक्षित है। क्या मैं उसकी बर्थ से अपनी बर्थ बदल सकती हूं? मैंने सहर्ष उसका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
मुझे इसमें क्या आपत्ति हो सकती थी? मैं नीचे वाली बर्थ पर ही आराम से सो सकती थी। ऊपर चढ़ना दूभर हो जाता। उस युवक को ऊपर वाली बर्थ ही सोने के लिए ठीक लग रही थी।इसके बाद उसे युवक ने अपना समान ऊपर के बर्थ पर रखा और वह नीचे मेरे साथ सीट पर बैठ गया।
वह केरल का रहने वाला युवक था। उसकी नौकरी दिल्ली के दिल्ली के कर्नाटका बैंक में लग गई थी। वह बहुत प्रसन्न था। उसने बताया कि नौकरी लगने से वह खुश तो है लेकिन दिल्ली में उसके पास रहने के लिए कोई स्थान नहीं है। उसे होटल में ही रहना पड़ेगा। बाद में वह कोई रहने का स्थान ढूंढ लेगा।
मुझे बातचीत करते हुए वह युवक बहुत अच्छा लगा वह बिल्कुल सीधा और प्रतिभाशाली युवक था। लेकिन उसे हिंदी नहीं आती थी वह या तो अंग्रेजी बोल सकता था और या मलयालम। तो मैंने उसे अंग्रेजी में ही बातें की।
उसके पास दिल्ली में रहने के लिए कोई स्थान नहीं था। अतः मैंने सोचा क्यों न इस युवक को अपने घर का एक कमरा किराए पर दे दूं। कुछ टाइम मेरे पास रहकर यह फिर अपनी व्यवस्था स्वयं कर लेगा। ऐसा सोचकर मैंने उसे कहा कि तुम कुछ टाइम के लिए मेरे कमरे में रह सकते हो। वह बहुत खुश हुआ। उसने यह प्रस्ताव बहुत सरलता से स्वीकार कर लिया।
दिल्ली पहुंचने के बाद एक सप्ताह बाद वह युवक मेरे पास आया और उसने कहा, "मैं आपके कमरे में रहना चाहता हूं। मैं कब से रहने आ जाऊं?"
मैंने उससे कहा कि तुम कभी भी आ सकते हो। वह अगले दिन ही अपना सामान लेकर मेरे पास रहने आ गया। वह सारा दिन बैंक में ही रहता था। बस रात को वहां सोता था। कभी-कभी मेरे साथ टेलीविजन के प्रोग्राम्स देख लेता था।
एक दिन टीवी में एक गायिका का विभिन्न रागों पर संगीत सुना रही थी। उसने एक गाना सुनाया, "मनमोहना, बड़े झूठे!" वह युवक बड़े ध्यान से यह गाना सुन रहा था। मैंने पूछा, "क्या तुम जानते हो कि इसका अर्थ क्या है?"
उसने कहा, "हां हां मुझे पता है।" वह इंग्लिश में ही बोल रहा था "आफ कोर्स आंटी! आई नो द मीनिंग ऑफ़ दिस सॉन्ग।"
मैंने पूछा, "ठीक है। तो बताओ इसका क्या मीनिंग है?"
उसने बड़ी सहजता से कहा, "इसका मतलब है कि हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बहुत झूठे हैं। ही इस ए लायर!"
मुझे बहुत हंसी आई। मैंने कहा, "इसका यह मतलब है?"
उसे युवक ने कहा, "हां आंटी! इसका यही मतलब है। लेकिन आप हंस क्यों रही हैं?"
तब मैंने उसे समझाया, "इसका मतलब है, मनमोहन अर्थात कृष्ण जी, बहुत झूठे हैं। इस गाने में गोपी कृष्ण जी को कह रही है कि कृष्ण जी बड़े झूठे हैं। इसीलिए वह कह रही है; मनमोहना बड़े झूठे!"
वह बड़ा हैरान हुआ। उसने कहा, "मनमोहन सिंह जी, हमारे प्रधानमंत्री को नहीं कह रहे?"
मैंने कहा, "नहीं। कृष्ण जी को भी मनमोहन कहते हैं। यहां पर गोपी उन्हीं को संबोधित कर रही है"
जब उसे पूरी बात समझ आ गई तो वह भी हंसने लगा और फिर उसने उस गाने का भी पूरा आनंद लिया।