मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एक 10 वर्षीय बालक रोहित अपनी मां से ₹20 के चिप्स की पैकेट के लिए जिद्द कर रहा था। वह ₹20 के चिप्स का पैकेट लेकर चिप्स खाना चाहता था। लेकिन उसकी मां इस बात के लिए बिल्कुल भी राज़ी नहीं थी। वह कह रही थी कि चिप्स बिल्कुल भी नहीं खाने हैं।
लेकिन रोहित था कि मान ही नहीं रहा था। रोहित की मां कोई जरूरी काम कर रही थी। रोहित के इस तरह बार-बार आग्रह करने पर उसे बहुत गुस्सा आया और उसने रोहित की पिटाई कर दी। इस पर रोहित रोने लगा तो उसकी बड़ी बहन ने भी उसे खूब डांटा। इसके बाद रोहित चुपचाप हो गया और कुछ सोचने लगा। रोहित की मां और बहन ने समझा कि चलो अब रोहित अपना काम करेगा और चिप्स की जिद्द नहीं करेगा। वे अपने कामों में लग गईं।
थोड़ी देर बाद किसी ने उनका दरवाजा खटखटाया। बाहर देखा तो पुलिस की वर्दी में दो व्यक्ति थे। उन्होंने पूछा कि यहां रोहित नाम का लड़का रहता है? रोहित की मां और बहन हैरान हो गए कि पुलिस यहां किस लिए आई है? रोहित ने ऐसा क्या कर दिया है?
मां हैरान होकर बोली, "हां। रोहित यहीं रहता है। लेकिन रोहित ने क्या किया? आप यहां क्यों आए हैं?"
पुलिस वालों ने कहा कि रोहित को यहां बुलाइए। रोहित के वहां आने पर पुलिस वालों ने उसे प्यार से पुचकारा और उसके मनपसंद चिप्स का ₹20 वाला पैकेट उसके हाथ में थमा दिया।
यह देखकर रोहित की मां और बहन बहुत हैरान हुए। रोहित स्वयं भी बहुत हैरान था।
रोहित की मां की आंखों में प्रश्न चिन्ह देखकर पुलिस वाला हंसते हुए बोला, "आपके बेटे रोहित ने 112 नंबर पर फोन कर दिया था कि मेरी मां ने मेरी इस बात पर पिटाई कर दी कि मैं उनसे ₹20 के चिप्स मांग रहा था। अब इस शिकायत पर हमें एक्शन तो लेना ही था। इसीलिए हम इसके लिए यह चिप्स का पैकेट लेकर आए हैं। अब आगे से आप ध्यान रखना कि बच्चा अगर कोई चीज मांग रहा है, तो उसे दे दीजिएगा उसे मारना या डांटना नहीं है! समझ गईं न आप!"
मां ने पीछे मुड़कर देखा रोहित बड़े मज़े में चिप्स खा रहा था।
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