जिस दिन घमंड अपने सर से उतार देगा
उसे दिन तुझे वो दाता अनमोल प्यार देगा
उसके सामान जग में दाता ना और कोई
देने पे जब वो आए तो बेशुमार देगा
मन वचन कर्म उसकी आज्ञानुसार कर ले
वह तो पिता है तुझ पे सर्वस्व वार देगा
भगवान छोड़ साथी इंसान को बनाया
सुख में ये साथ देगा दुख में बिसार देगा
भेजा था तुझको जग में करने को कुछ कमाई
किसको पता था जीवन यूं ही गुज़ार देगा
अंतिम समय कहेगा नेकी कमा लूं लेकिन
उसे पल ना कोई तुझको जीवन उधार देगा
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