Wednesday, October 15, 2025

कितने कदम?

 ऐसा माना जाता है कि यदि 8000 या 10000 कदम प्रतिदिन चला जाए तो स्वास्थ्य ठीक रहता है। लेकिन यह बात पूरी तरह ठीक नहीं है। दिन में यदि एक बार इतने सारे कदम चलकर, बाकी दिन यदि हम एक जगह ही बैठे रहें तो स्वास्थ्य शायद इतना अच्छा नहीं रह सकता।

 लेकिन यदि हम हर घंटे लगभग 250 कदम चलने का उद्देश्य रखें, तो इससे हमारे स्वास्थ्य पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसीलिए हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि हम हर घंटे, लगभग 250 कदम चलें। फिर चाहे इकट्ठे 8000 या 10000 कदम न भी चले, तब भी हमारा स्वास्थ्य ठीक रह सकता है।

Tuesday, October 14, 2025

दाता का प्यार

 जिस दिन घमंड अपने, सर से उतार देगा

 उसे दिन तुझे वो दाता, अनमोल प्यार देगा


 उसके सामान जग में, दाता ना और कोई 

  देने पे जब वो आए, तो बेशुमार देगा


 मन वचन कर्म उसकी, आज्ञानुसार कर ले

वह तो पिता है तुझ पे, सर्वस्व वार देगा 


भगवान छोड़ साथी, इंसान को बनाया 

सुख में ये साथ देगा, दुख में बिसार देगा


 भेजा था उसने जग में, करने को कुछ कमाई 

 किसको पता था जीवन, यूं ही गुज़ार देगा


 अंतिम समय कहेगा, नेकी कमा लूं लेकिन

 इक पल ना कोई तुझको, जीवन उधार देगा

Wednesday, October 8, 2025

पुलिस का प्यार दुलार

 मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एक 10 वर्षीय बालक रोहित अपनी मां से ₹20 के चिप्स की पैकेट के लिए जिद्द कर रहा था। वह ₹20 के चिप्स का पैकेट लेकर चिप्स खाना चाहता था। लेकिन उसकी मां इस बात के लिए बिल्कुल भी राज़ी नहीं थी। वह कह रही थी कि चिप्स बिल्कुल भी नहीं खाने हैं। 

लेकिन रोहित था कि मान ही नहीं रहा था। रोहित की मां कोई जरूरी काम कर रही थी। रोहित के इस तरह बार-बार आग्रह करने पर उसे बहुत गुस्सा आया और उसने रोहित की पिटाई कर दी। इस पर रोहित रोने लगा तो उसकी बड़ी बहन ने भी उसे खूब डांटा। इसके बाद रोहित चुपचाप हो गया और कुछ सोचने लगा। रोहित की मां और बहन ने समझा कि चलो अब रोहित अपना काम करेगा और चिप्स की जिद्द नहीं करेगा। वे अपने कामों में लग गईं।

थोड़ी देर बाद किसी ने उनका दरवाजा खटखटाया। बाहर देखा तो पुलिस की वर्दी में दो व्यक्ति थे। उन्होंने पूछा कि यहां रोहित नाम का लड़का रहता है? रोहित की मां और बहन हैरान हो गए कि पुलिस यहां किस लिए आई है? रोहित ने ऐसा क्या कर दिया है? 

मां हैरान होकर बोली,  "हां। रोहित यहीं रहता है। लेकिन रोहित ने क्या किया? आप यहां क्यों आए हैं?" 

पुलिस वालों ने कहा कि रोहित को यहां बुलाइए। रोहित के वहां आने पर पुलिस वालों ने उसे प्यार से पुचकारा और उसके मनपसंद चिप्स का ₹20 वाला पैकेट उसके हाथ में थमा दिया।  

यह देखकर रोहित की मां और बहन बहुत हैरान हुए। रोहित स्वयं भी बहुत हैरान था। शरारत तो वह कर बैठा था, परन्तु उसके परिणाम पर उसे विश्वास नहीं हो रहा था।

 रोहित की मां की आंखों में प्रश्न चिन्ह देखकर पुलिस वाला हंसते हुए बोला, "आपके बेटे रोहित ने 112 नंबर पर फोन कर दिया था कि मेरी मां ने मेरी इस बात पर पिटाई कर दी कि मैं उनसे ₹20 के चिप्स मांग रहा था। अब इस शिकायत पर हमें एक्शन तो लेना ही था। इसीलिए हम इसके लिए यह चिप्स का पैकेट लेकर आए हैं। अब आगे से आप ध्यान रखिएगा कि बच्चा अगर कोई चीज मांग रहा है, तो उसे दे दीजिएगा उसे मारना या डांटना नहीं है! समझ गईं न आप?" 

मां ने पीछे मुड़कर देखा। रोहित ने चिप्स का पैकेट खोल लिया था और वह बड़े मज़े में चिप्स खा रहा था।

Tuesday, October 7, 2025

Herpes की बीमारी

 

इस बीमारी में, शमशान की जली हुई हड्डी घिसकर, उसमें एलोवेरा और नारियल का तेल मिलाकर, प्रभावित स्थान पर लगातार लगाते रहने से Herpes की बीमारी ठीक हो जाती है। यह कई लोगों पर आजमाया हुआ नुस्खा है।

Platelets बढ़ने पर..

 यदि खून में प्लेटलेट्स आवश्यकता से अधिक बढ़ जाते हैं, तो गोधन अर्क, अर्जुन की छाल और दालचीनी इन तीनों का प्रयोग करना चाहिए। अर्जुन की छाल और दालचीनी को थोड़ी मात्रा में लेकर काढ़ा बना सकते हैं या फिर 1-2 ग्राम की मात्रा में इनका पाउडर भी ले सकते हैं। गोधन अर्क एक चम्मच लेना चाहिए।

यह देखा गया है कि यदि प्लेटलेट्स 12-13 लाख तक भी पहुंच जाए तो वह वापिस तीन लाख तक आ जाते हैं। यह प्रयोग बहुत ही चमत्कारिक है।

Monday, October 6, 2025

परीक्षा में शरारत!

 "देखिए! रुद्रांश ने यह क्या किया है?" विज्ञान की अध्यापिका ने ऋचा को जब यह बोला, तो ऋचा सकपका गई। "कहीं फिर कोई नई शरारत तो नहीं कर दी रुद्रांश ने?"

वास्तव में बात यह थी कि दो महीने पहले ही रुद्रांश की कक्षा अध्यापिका ने रुद्रांश की शिकायत लगाई थी कि  रुद्रांश ने क्लास के दौरान ही चिप्स का पैकेट खोलकर उसमें से चिप्स खाए थे। इस बात के लिए अध्यापिका ऋचा को सतर्क कर रही थी। वह कह रही थी कि यह और बच्चों के साथ बिगड़ रहा है। अगर वह ऐसे ही रहा तो उसका सैक्शन बदल दिया जाएगा। इस पर ऋचा ने अध्यापिका को कहा था कि वह ही और बच्चों को बिगाड़ रहा होगा। आप इस पर नज़र रखिए।

अब वह अध्यापक अभिभावक मीटिंग में रुद्रांश का परीक्षा परिणाम लेने के लिए गई थी। कक्षा अध्यापिका ने बताया कि रुद्रांश अब कोई शरारत नहीं करता। वह कक्षा में प्रथम आया है। उसे रुद्रांश से कोई भी शिकायत नहीं है। यह सुनकर ऋचा को बहुत संतुष्टि हुई।

 लेकिन जब वह विज्ञान की अध्यापिका के पास गई तो उसने ऋचा को देखते ही बोला कि "रुद्रांश ने यह क्या किया है?" ऋचा सकपकाई, कि रुद्रांश ने अब कौन सी नई शरारत की है? उसने पूछा "मैम! क्या किया रुद्रांश ने?" 

अध्यापिका ने रुद्राक्ष की विज्ञान की उत्तर पुस्तिका निकाल कर दिखाई। विज्ञान में उसे अस्सी में से अठहत्तर अंक प्राप्त हुए थे।  "आपको पता है रुद्रांश के दो नंबर कहां कटे हैं? यह देखिए; पेपर में प्रश्न था:  List any two ways to minimize paper wastage. 

और अब रुद्रांश का उत्तर देखिए। इस ने लिखा है:  

1- We must not take out paper from notebooks unless necessary.

2- we must not make paper toys, because after playing we usually throw the paper toys. 

यह दो नंबर का प्रश्न था और इसके दो नंबर इसी में ही कटे हैं।"

 अध्यापिका को मंद मंद हंसी भी आ रही थी। जब ऋचा ने उत्तर पढा तो उसे भी हंसी आ गई।

 उसने कहा, "रुद्रांश! यह क्या लिखा है?"

 रुद्रांश नीचे मुंह किये खड़ा था। पता नहीं, उसे भी हंसी आ रही थी या नहीं। लेकिन उसे अपना मुंह नीचे रखने में ही भलाई लग रही थी। 

अध्यापिका ने ऋचा को उत्तर पुस्तिका थमाते हुए कहा, "वैसे रुद्रांश का सरल स्वभाव मुझे पसंद है। अगर इसने काम नहीं किया तो यह सीधा बता देता है कि मैं काम नहीं किया। कोई बहाने नहीं लगाता। कभी पुस्तक नहीं लाता, तब भी स्पष्ट कहता है कि मैं आज पुस्तक नहीं लाया। लेकिन यह उत्तर देखकर तो मुझे बड़ी निराशा हुई है।"

 घर आने पर ऋचा ने रुद्रांश से पूछा, "क्यों भई! यह क्या उत्तर लिखे हैं? ध्यान किधर था?"

रुद्रांश ने कहा, "आपको पता नहीं मम्मी! बहुत कम टाइम बचा था। मैंने यह तो जल्दी-जल्दी में उत्तर लिख दिए।"

 ऋचा को हंसी आ गई। उसने कहा, "प्रश्न पत्र में तो बहुत टाइम दिया गया था। इतना कम टाइम भी नहीं था कि टाइम बचा ही नहीं। किसी को नकल करवाई जा रही थी क्या?" 

"नहीं मम्मी! सचमुच ही टाइम नहीं था। मैंने जल्दी-जल्दी में ही यह उत्तर लिख दिया।" वह बोला।

 ऋचा को रुद्रांश की शरारतों का पता है।  उसने कहा, "यह बात नहीं है बच्चू! ज़रूर किसी को नकल करवा रहा होगा। तभी टाइम नहीं बचा।"

 रुद्रांश भी मुस्कुरा रहा था।