न्यूज़ चैनल में समाचार देखने में मेरी बड़ी रूचि है । "आज कश्मीर में snowfall हुआ । सभी को snow गिरते देख बहुत मज़ा आया ।" यह समाचार सुनकर हम सबको और अधिक सर्दी महसूस होने लगी। लेकिन नन्हा रुद्रांश भी तो यह सब सुन रहा था । वह बहुत खुश हो रहा था।
वह अक्सर अपने पापा के साथ दिल्ली मेट्रो से घूमता रहता है । रास्ते में कश्मीरी गेट नाम का एक स्टेशन आता है । अपनी कल्पना से शायद नन्हें रुद्रांश ने कश्मीर और कश्मीरी गेट में सामंजस्य बिठा लिया। उस समय तो वह मन में ही शायद कुछ सोच रहा होगा। परन्तु वह कुछ बोला नहीं ।
दोपहर को बाहर धूप में चारपाई बिछाकर मैंने उसे बैठाया। अनार के दाने निकालकर मैं उसे खिला रही थी। तभी रुद्रांश की आवाज़ सुनकर साथ वाले घर से हमारे पडोसी भी बाहर धूप सेकने के लिए आ गए। उन्हें रुद्रांश से बहुत प्यार है। रुद्रांश बहुत ही बातूनी है । वह उनको अपने मन की सारी बात बताता रहता है। कोई नया डांस स्कूल में सीखता है, तब भी वह उन्हें अवश्य ही करके दिखाता है । वे भी उत्सुक रहते हैं कि रुद्रांश आज क्या नई बात बताएगा ? उन्हें देखते ही रुद्रांश बोल उठा," आज हम snowfall देखने जाएँगे । "
"अच्छा! कब?" वे हैरान होकर बोले ।
"बस अभी-अभी! मेट्रो से जाएँगे। " रुद्रांश जल्दी से बोल गया।
वे और भी ज़्यादा हैरान हो गए । "मेट्रो से? मेट्रो से snowfall देखने कैसे जाओगे? snowfall तो कश्मीर में होता है।"
" हाँ! हाँ! हम कश्मीरी गेट जाएँगे। वहाँ snow देखकर बड़ा मज़ा आएगा। वहाँ बर्फ गिरती है। वहां Santa भी आता है ; लाल टोपी पहनकर! आप भी चलना हमारे साथ। " रुद्रांश उत्साह में बोलता ही जा रहा था । " मैं आपको ज़रूर लेकर जाऊंगा वहाँ ।"
अच्छा! तो अब सारी बात समझ में आई। रुद्रांश ने जो सुबह समाचार देखे थे; उस कश्मीर का कश्मीरी गेट के साथ ताल मेल बिठा लिया। मैं बहुत हैरान हुई कि यह नन्ही सी जान क्या क्या कल्पना कर लेता है!
मैंने अपने असमंजस में पड़े पडोसी को जब सब बात समझाई, तो वे बड़े अचम्भित भी हुए और प्रसन्न भी!
उन्होंने रुद्रांश के सिर पर प्यार से हाथ फेरा और बोले, " भई वाह! मज़ा आ गया। दिल्ली में ही snowfall का लुत्फ़ उठाने, मैं ज़रूर चलूँगा तुम्हारे साथ।"
रुद्रांश भी बहुत मासूमियत से बोला, " मैं पापा को कहकर आपको अपने साथ ले चलूँगा । ठीक है?"
उन्होंने कहा ,"done!" और मुस्कुराते हुए अपने घर चले गए ।
वह अक्सर अपने पापा के साथ दिल्ली मेट्रो से घूमता रहता है । रास्ते में कश्मीरी गेट नाम का एक स्टेशन आता है । अपनी कल्पना से शायद नन्हें रुद्रांश ने कश्मीर और कश्मीरी गेट में सामंजस्य बिठा लिया। उस समय तो वह मन में ही शायद कुछ सोच रहा होगा। परन्तु वह कुछ बोला नहीं ।
दोपहर को बाहर धूप में चारपाई बिछाकर मैंने उसे बैठाया। अनार के दाने निकालकर मैं उसे खिला रही थी। तभी रुद्रांश की आवाज़ सुनकर साथ वाले घर से हमारे पडोसी भी बाहर धूप सेकने के लिए आ गए। उन्हें रुद्रांश से बहुत प्यार है। रुद्रांश बहुत ही बातूनी है । वह उनको अपने मन की सारी बात बताता रहता है। कोई नया डांस स्कूल में सीखता है, तब भी वह उन्हें अवश्य ही करके दिखाता है । वे भी उत्सुक रहते हैं कि रुद्रांश आज क्या नई बात बताएगा ? उन्हें देखते ही रुद्रांश बोल उठा," आज हम snowfall देखने जाएँगे । "
"अच्छा! कब?" वे हैरान होकर बोले ।
"बस अभी-अभी! मेट्रो से जाएँगे। " रुद्रांश जल्दी से बोल गया।
वे और भी ज़्यादा हैरान हो गए । "मेट्रो से? मेट्रो से snowfall देखने कैसे जाओगे? snowfall तो कश्मीर में होता है।"
" हाँ! हाँ! हम कश्मीरी गेट जाएँगे। वहाँ snow देखकर बड़ा मज़ा आएगा। वहाँ बर्फ गिरती है। वहां Santa भी आता है ; लाल टोपी पहनकर! आप भी चलना हमारे साथ। " रुद्रांश उत्साह में बोलता ही जा रहा था । " मैं आपको ज़रूर लेकर जाऊंगा वहाँ ।"
अच्छा! तो अब सारी बात समझ में आई। रुद्रांश ने जो सुबह समाचार देखे थे; उस कश्मीर का कश्मीरी गेट के साथ ताल मेल बिठा लिया। मैं बहुत हैरान हुई कि यह नन्ही सी जान क्या क्या कल्पना कर लेता है!
मैंने अपने असमंजस में पड़े पडोसी को जब सब बात समझाई, तो वे बड़े अचम्भित भी हुए और प्रसन्न भी!
उन्होंने रुद्रांश के सिर पर प्यार से हाथ फेरा और बोले, " भई वाह! मज़ा आ गया। दिल्ली में ही snowfall का लुत्फ़ उठाने, मैं ज़रूर चलूँगा तुम्हारे साथ।"
रुद्रांश भी बहुत मासूमियत से बोला, " मैं पापा को कहकर आपको अपने साथ ले चलूँगा । ठीक है?"
उन्होंने कहा ,"done!" और मुस्कुराते हुए अपने घर चले गए ।
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