Saturday, December 12, 2015

नटखट भोलू !!

 "बेटे!  ज़रा कैंची  तो लाना किचन से।" मैं रुद्रांश को कह रही थी। असल में एक मोटा धागा काटना था। वह हाथ से तोडा नहीं जा सकता था इसीलिए छोटी कैंची चाहिए थी।
 " बर्तनों के रैक के नीचे हुक पर लटकी है। जल्दी लाओ बेटे। "
रुद्रांश लपककर किचन में गया। वापिस आया तो उसके हाथ में पिज़्ज़ा कटर था!
 बात यह है कि कैंची के साथ वाले हुक में पिज़्ज़ा कटर लटका हुआ था। वह उसे उठा लाया।
 मेरे पास आकर बोला , " इससे धागा काट लो नानी।"  मैं हँसने लगी ," अरे शैतान! धागा क्या पिज़्ज़ा कटर से काटूँगी ? इससे तो पिज़्ज़ा काटते हैं ; सैंडविच काटते हैं ; कोई धागा थोड़े ही इससे काटते हैं।"
" हाँ , हाँ ! इससे धागा भी कट सकता है ।" तीन वर्षीय रुद्रांश बड़े आत्मविश्वास के साथ कह रहा था । " आप काटो तो सही ।"
" अरे बुद्धू ! इससे इससे धागा नहीं कटेगा। जा, जाकर छोटी कैंची लेकर आ।" मैंने उसे भगाना चाहा।
मेरी बेटी मुस्कुराते हुए सब कुछ देख रही थी। उसने मुझे बताया कि रुद्रांश के दूसरे हाथ में कैंची है और वह उसने अपनी कमर के पीछे रखा हुआ है।
मुझे उसके नटखटपन ने इतना लुभाया कि मैंने मुस्कुराते हुए प्यार से उसे सीने से लगा लिया। लेकिन वह फिर भी बड़े भोलेपन से पूछ रहा था,
 "पिज़्ज़ा कटर से धागा क्यों नहीं काट सकते?" 

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