स्तन में गाँठ होना बहुत आम समस्या होती जा रही है । यह चिंता का विषय भी है । अगर 1-2 ग्राम हल्दी के पावडर को सवेरे खाली पेट प्रतिदिन ले लिया जाए तो हर प्रकार की गांठें घुलनी प्रारम्भ हो जाती हैं । काचनार गुग्गल का प्रयोग भी गांठों को खत्म करने में सहायक है । कुछ पौधों का प्रयोग गाँठ पर लगाने के लिए किया जा सकता है । इससे गाँठ घुलनी शुरू हो जाती हैं :
~ अरंड अरंड के पत्ते पर थोडा सा सरसों का तेल लगाकर , हल्का सा गर्म करके स्तन पर नियमित रूप से बांधें । अरंड के तेल की मालिश करने से स्तन की गांठ भी घुलती हैं और स्तन में मुलायमी भी आती है जिससे गाँठ होने की सम्भावना कम हो जाती है । अरंड के पत्तों को उबालकर भी बाँध सकते हैं । अरंड के बीजों की गिरी को पीसकर उसका पेस्ट भी लगाया जा सकता है । अरंड के एक बड़े पत्ते को 200 ग्राम पानी में उबालकर, काढ़ा बनाकर, पीने से हार्मोन्स की गडबडी ठीक होती है, periods ठीक आते हैं ; इससे स्तन में गाँठ होने की सम्भावना भी कम हो जाती है । स्तन के nipple में crack हो या त्वचा फट जाए तो अरंड का तेल लगाना चाहिए । स्तन कैंसर में अरंड के तेल की मालिश करने से फायदा होता है । स्तन की गाँठ पर इसका पत्ता बांधें । एक पत्ता 200 ग्राम पानी में उबालें जब 50 ग्राम बचे तो पीयें । यह सवेरे खाली पेट लें । इससे स्तन कैंसर ठीक होता है ।
~ गेंदा गेंदे के पौधे की पत्तियों को पीसकर , लुगदी बनाकर गाँठ पर नियमित रूप से बांधें ।
~ पुनर्नवा पुनर्नवा (साठी ) की जड़ को घिसकर गाँठ पर लगाते रहें ।
~ सेमल सेमल की जड़ की छाल को को पीसकर लगाएँ या सेमल के तने पर उभरे मोटे कांटो को घिसकर लगाएँ ।
~ भुई आंवला इसके पत्ते पीसकर, लुगदी बनाकर लगाएँ । स्तन में सूजन या गाँठ हो तो इसके पत्तों का पेस्ट लगा लें पूरा आराम होगा ।
~ धतूरा पत्ते को हल्का गर्म करके बांधें ।
~ छुईमुई केवल जड़ घिसकर लगाएँ या फिर ;
अश्वगंधा की जड़ +छुईमुई की जड़ + छुईमुई की पत्तियां , इन सबको पीसकर स्तन की गाँठ पर लगाएँ। इससे स्तन का ढीलापन भी ठीक हो जाता है और दर्द और सूजन में भी आराम आता है ।
~ शीशम शीशम के पत्तों की लुगदी गाँठ पर लगाने से गाँठ घुलती है । इसके पत्तों को गर्म करके थोडा तेल मलकर बाँधने से गाँठ तो घुलती ही है साथ ही दर्द और सूजन हो तो उसमें भी आराम आता है ।
~ पत्थरचटा इसके पत्ते पर सरसों का तेल मलकर, पत्ते को हल्का गर्म करके गाँठ पर बांधते रहें ।.
~ धतूरा (prickly poppy) स्तन में गांठ होने पर इसका पत्ता बाँध सकते हैं ।
~ घृतकुमारी (aloe vera ) स्तन में गाँठ होने पर इसको एक तरफ से छीलकर गर्म करके बाँध लें ।
इसके साथ ही प्राणायाम तो अवश्य ही करते रहें ; विशेषकर कपालभाति प्राणायाम ।
~ अरंड अरंड के पत्ते पर थोडा सा सरसों का तेल लगाकर , हल्का सा गर्म करके स्तन पर नियमित रूप से बांधें । अरंड के तेल की मालिश करने से स्तन की गांठ भी घुलती हैं और स्तन में मुलायमी भी आती है जिससे गाँठ होने की सम्भावना कम हो जाती है । अरंड के पत्तों को उबालकर भी बाँध सकते हैं । अरंड के बीजों की गिरी को पीसकर उसका पेस्ट भी लगाया जा सकता है । अरंड के एक बड़े पत्ते को 200 ग्राम पानी में उबालकर, काढ़ा बनाकर, पीने से हार्मोन्स की गडबडी ठीक होती है, periods ठीक आते हैं ; इससे स्तन में गाँठ होने की सम्भावना भी कम हो जाती है । स्तन के nipple में crack हो या त्वचा फट जाए तो अरंड का तेल लगाना चाहिए । स्तन कैंसर में अरंड के तेल की मालिश करने से फायदा होता है । स्तन की गाँठ पर इसका पत्ता बांधें । एक पत्ता 200 ग्राम पानी में उबालें जब 50 ग्राम बचे तो पीयें । यह सवेरे खाली पेट लें । इससे स्तन कैंसर ठीक होता है ।
~ गेंदा गेंदे के पौधे की पत्तियों को पीसकर , लुगदी बनाकर गाँठ पर नियमित रूप से बांधें ।
~ पुनर्नवा पुनर्नवा (साठी ) की जड़ को घिसकर गाँठ पर लगाते रहें ।
~ सेमल सेमल की जड़ की छाल को को पीसकर लगाएँ या सेमल के तने पर उभरे मोटे कांटो को घिसकर लगाएँ ।
~ भुई आंवला इसके पत्ते पीसकर, लुगदी बनाकर लगाएँ । स्तन में सूजन या गाँठ हो तो इसके पत्तों का पेस्ट लगा लें पूरा आराम होगा ।
~ धतूरा पत्ते को हल्का गर्म करके बांधें ।
~ छुईमुई केवल जड़ घिसकर लगाएँ या फिर ;
अश्वगंधा की जड़ +छुईमुई की जड़ + छुईमुई की पत्तियां , इन सबको पीसकर स्तन की गाँठ पर लगाएँ। इससे स्तन का ढीलापन भी ठीक हो जाता है और दर्द और सूजन में भी आराम आता है ।
~ शीशम शीशम के पत्तों की लुगदी गाँठ पर लगाने से गाँठ घुलती है । इसके पत्तों को गर्म करके थोडा तेल मलकर बाँधने से गाँठ तो घुलती ही है साथ ही दर्द और सूजन हो तो उसमें भी आराम आता है ।
~ पत्थरचटा इसके पत्ते पर सरसों का तेल मलकर, पत्ते को हल्का गर्म करके गाँठ पर बांधते रहें ।.
~ धतूरा (prickly poppy) स्तन में गांठ होने पर इसका पत्ता बाँध सकते हैं ।
~ घृतकुमारी (aloe vera ) स्तन में गाँठ होने पर इसको एक तरफ से छीलकर गर्म करके बाँध लें ।
इसके साथ ही प्राणायाम तो अवश्य ही करते रहें ; विशेषकर कपालभाति प्राणायाम ।
बहुत ही काम की जानकारी है।
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