प्रात: काल उठकर करदर्शन करना चाहिए । कर का अर्थ है , हाथ । अपनी दोनों हथेलियों को देखना चाहिए । करमध्ये वसति लक्ष्मी ।
वास्तव में कर ही नहीं; अपने मुख व पूरे शरीर के दर्शन शीशे में कर लेने चाहिएँ । अगर हम सुबह सुबह अपने चेहरे को ध्यान से देखें , तो आने वाली कई बीमारियों से बचा जा सकता है । सुबह आँखों के नीचे सूजन हो , चेहरे पर सूजन हो , हाथो - पैरों में कुछ विसंगति प्रकट हो रही हो तो एकदम पकड़ में आ जाती है ; और तुरंत उसका उपचार भी किया जा सकता है । बाद में जैसे जैसे हम दैनिक दिनचर्या में व्यस्त हो जाते हैं तो ये लक्षण क्षीण होते जाते हैं । फिर हम बीमारी को बड़े दिनों बाद पकड़ पाते हैं ; जब वह काफी बढ़ जाती है ।
तो यह हमारे शरीर के लिए अच्छा रहेगा , अगर हम सुबह उठते ही करदर्शन के साथ पूरे शरीर को भी आईने में एक बार देख लें ।
आप के ब्लॉग की जितनी भी तारीफ की जाए कम है आज पेपर में आपके आर्टिकल को देखा में मुझे बहुत अच्छा लगा मैं भी अपने ब्लॉग पर काम रहा है हु जो की मनोरंजन से सम्बंधित है शायद आपको पसंद आये http://guruofmovie.blogspot.in
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