Monday, March 24, 2025

चक्रव्यूह के पार!

एक जिज्ञासा, कि चक्रव्यूह क्या है?

मनमोहक आकर्षण कि,

क्या अवस्थाएं हैं?

क्या व्यवस्थाएं हैं?

देख कर करने की चाह,

आनंदित होने का भाव

सीखा किसी छद्मगुरू से,

व्यूह भेदने का दाव।

अभिमन्यु नवयुग के!

उत्साह भरे कलयुग के!!

विडंबना यह कि

घिर गए व्यूह में,

और इतराते भी हो!

रोमांचित हो पल-पल,

आनंद गीत गाते हो!

तुम्हारी उत्सुकता, 

कब बन गई विवशता? 

इसका तुम्हें भान ही नहीं! 

यहीं अज्ञान है कहीं।

यह कैसा बुद्धि भेद है?

व्यूह क्योंकर अभेद है?

पिंजरे में बंद पंछी!

बेसुध से सोए हो

भ्रम में कहीं खोए हो

चलो उठो, चेतना जगाओ!

व्यूह तोड़ बाहर आओ।

ओ चतुर अभिमन्यु!

यह संभव है, 

असंभव नहीं।

सोचो, विचारो

यूं ही मत हारो।

चक्रव्यूह में घुटन है,

आनंद नहीं।

बुद्धि को घुमाओ,

स्वाभिमान जगाओ,

व्यूह से पार पाओ, 

और बाहर निकल आओ।

जहां हवा स्वतंत्र है,

वहीं तो आनंद है।

Sunday, March 23, 2025

नदी और कुआं

 नदी ने इठलाकर कुएं से पूछा, "तू जानता है, तेरी क्या औकात है? तुझ में और मुझ में क्या अंतर है?" 

कुएं ने हाथ जोड़कर कहा, "हां मैं जानता हूं कि मेरी क्या औकात है।

  तुम जगह-जगह जाती हो और मैं यहीं रहता हूं। आखिर भटकाव और ठहराव में तो फर्क होता ही है।

  तुम घूम-घूम कर प्यासों के पास जाती हो और मैं यहीं रहता हूं। प्यासे मेरे पास आते हैं।

  तुम ऊपर से नीचे जाती हो। इससे तुम्हारा मीठा पानी धीरे-धीरे खारा हो जाता है। मेरा पानी नित्य प्रति नीचे से ऊपर चढ़ता ही रहता है; इसीलिए वह मीठा का मीठा ही बना रहता है।"

Saturday, March 22, 2025

सेहत के सीक्रेट्स

 सेहत और खुशी जिसके जीवन में यह दो चीज हों; उसे फिर कुछ और नहीं चाहिए। सेहत को ठीक रखना बहुत जरूरी होता है। स्वास्थ्य ही तो अनमोल धन है। कहां भी गया है, "पहला सुख निरोगी काया।"

सेहत को किस प्रकार दुरुस्त रखा जाए, इसके लिए कुछ सीक्रेट्स हैं:

सेहत को अच्छा रखने के लिए सबसे पहला सीक्रेट है कि मन मे नकारात्मक विचार बिल्कुल न लाएं। काम में या दबाव में अक्सर नकारात्मक विचार हावी हो जाते हैं; जिसे ब्रेक करना मुश्किल हो जाता है। अगर ऐसा है तो अभी से प्रण लें कि किसी से कोई शिकायत मन में नहीं रखेंगे और अगर शिकायत है भी तो उसे स्वयं ही दूर करने की कोशिश करेंगे।

 दूसरा सीक्रेट यह है कि तनाव पर काबू पाएं। इसमें सबसे अच्छा होगा कि अधिक सोचना बंद करें। गहरी सांस लें। धीरे-धीरे सांस को छोड़ें। केवल वर्तमान का ही सोचें और आसपास की अच्छी चीजों को महसूस करें। 

काम करते समय अगर मानसिक थकावट की समस्या है तो दस दस दस का फार्मूला अपनाएं। हर 10 मिनट बाद 10 फुट की दूरी पर 10 सेकंड के लिए देखें। इससे मानसिक थकावट कम होगी।

नींद की समस्या है तो पीठ के बल लेटें और रिवर्स काउंटिंग करें यानी उल्टी गिनती गिननी शुरू करें। यकीन मानिए इससे आप तनाव मुक्त होंगे और नींद भी आ जाएगी। 

इसके अतिरिक्त शारीरिक सक्रियता के साथ-साथ सामाजिक सक्रियता को भी बढ़ाएं। 

अपना स्क्रीन टाइम घटाना चाहिए। मोबाइल और टेलीविजन का ठीक-ठीक उपयोग करना चाहिए। इनका आवश्यकता से अधिक उपयोग करने से भी तनाव ग्रस्त हो सकते हैं।

संतुलित भोजन के साथ-साथ योग अभ्यास और प्राणायाम तो नितांत आवश्यक हैं ही, तनाव मुक्त और सेहतमंद रहने के लिए।

सेहत अगर अच्छी हो और जीवन में तनाव न हो, तो खुशियों का भरपूर आनंद लिया जा सकता है।





Friday, March 21, 2025

नगदी और न्याय

 मकान धूं धूं करके जल रहा था। आसपास सभी इकट्ठे हो रहे थे। "अरे भाई! फायर ब्रिगेड को फोन करो।" किसी ने आनन फानन में फायर ब्रिगेड को फोन लगाया। दस मिनट के अंदर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आ गईं और तुरंत आग बुझाने का प्रयत्न प्रारंभ हो गया।

 यह मकान एक जज साहब का था। अचानक ही उसमें आग लग गई थी और पूरा घर जल रहा था। बहुत प्रयत्न करने के बाद आग को काबू में लाया गया। 

आग बुझाने के बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने मकान के सभी सामान को सावधानीपूर्वक हटाना प्रारंभ किया। 

जैसे ही वह अंदर के कमरे में घुसे तो भौचक्के रह गए। वहां हैरान कर देने वाला नजारा था।  कमरे में नोटों से भरी हुई बोरियां थीं। जिन में करोड़ों की संख्या में नोट थे। अधजले नोटों के बंडल से बोरियां ठसाठस भरी हुई थीं। अधिकतर नोट पानी गिरने की वजह से भीग भी गए थे। 

"अरे जज साहब तो न्याय करते हैं! वे तो बहुत ईमानदार न्यायाधीश हैं। उनके पास इतनी नगदी?" हैरान होकर सभी सोच रहे थे।

कुछ महीनों बाद समाचार पत्र के मुखपृष्ठ पर जज साहब के जेल जाने की खबर छपी थी।

Wednesday, March 19, 2025

मुंह के छाले

 मुंह के अंदर अगर छाले हो जाए तो बड़ी कठिनाई होती है। ऐसे में यह समझ नहीं आता कि छाले किस प्रकार ठीक हों?

 इसका बड़ा सरल उपाय है, एलोवेरा का जैल! एलोवेरा का थोड़ा सा गूदा निकाल कर, प्रभावित स्थान पर लगाऐं। ऐसा बार--बार करने पर छाला अपने आप ही ठीक होना प्रारंभ हो जाता है।

 है तो यह सरल उपाय; परन्तु है बहुत कारगर!

Monday, February 24, 2025

खांसी और गरारे

 बहुत दिनों से लगातार खांसी चल रही हो; गले के अंदर दर्द भी हो और खांसी ठीक होने में न आ रही हो ; तो एक घरेलू नुस्खा बहुत ही लाभदायक रहता है। 

खांसी होने पर, नमक के गुनगुने पानी के गरारे तो करने ही चाहिए। लेकिन यदि गरारे के गुनगुने पानी में नमक के अतिरिक्त थोड़ी हल्दी और थोड़ा एलोवेरा का गूदा मिलाकर, उससे गरारे किए जाएं तो बहुत चमत्कारिक रूप से लाभ हो जाता है। 

दिन में तीन-चार बार इस प्रकार के गरारे अवश्य ही करने चाहिएं। इससे खांसी से मुक्ति में वास्तव में ही आशातीत लाभ मिलता है।

Tuesday, November 5, 2024

गोविंद वंदना

 प्रतिदिन की दिनचर्या के कार्य करते समय मां हमेशा ही भजन गाती रहती थीं। इससे कार्य में तो मन लगा ही रहता था और शायद थकावट भी बहुत कम अनुभव होती होगी। यह भजन तो मैंने उनसे कई बार सुना है; इसीलिए मुझे बहुत अच्छा भी लगता है:

भगवान मेरी यह प्रार्थना है; भूलूं न मैं नाम कभी तुम्हारा 

निष्काम हो कर दिन रात गाऊं; गोविंद, दामोदर, माधवेति

गोविंद, दामोदर, माधवेति; हे कृष्ण, हे यादव, हे सखेति


प्यारे जरा तो मन में विचारो; क्या साथ लाये?अब ले चलोगे? 

जावे यही साथ, सदा पुकारो; गोविंद, दामोदर, माधवेति


 नारी, धरा, धाम, सुपुत्र प्यारे; सन्मित्र, सद्बांधव, द्रव्य सारे

कोई ना साथी, हरि को पुकारो; गोविंद, दामोदर, माधवेति


नाता भला क्या जग से हमारा?आए यहां क्यों?कर क्या रहे हो?

सोचो, विचारो, हरि को पुकारो; गोविंद, दामोदर, माधवेति


 सच्चे सखा हैं हरि ही हमारे; माता-पिता, स्वामी, सुबंधु प्यारे

 भूलो ना भाई, दिन रात गाओ; गोविंद, दामोदर, माधवेति


 माता यशोदा हरि को जगावे; जागो, उठो, मोहन! नैन खोलो 

 द्वारे खड़े गोप बुला रहे हैं; गोविंद, दामोदर, माधवेति 


डाली मथानी दधि में किसी ने; तो ध्यान आया दधिचोर का ही

 मीठे स्वरों से हरि गीत गाती; गोविंद, दामोदर, माधवेति