कायाकल्प वटी और अर्शोग्रिट वटी का सुबह सवेरे खाली पेट प्रयोग करके इन बीमारियों से शत प्रतिशत मुक्ति पाई जा सकती है।
प्रभावित स्थान पर लगाने के लिए, एलोवेरा का गूदा सर्वोत्तम है। लेकिन उसमें जात्यादिघृत मिलाकर लगाने से बहुत जल्दी आराम आता है।
प्रातः काल खाली पेट ठंडे दूध में एक नींबू निचोड़ कर एकदम पी लेने से भी यह बीमारी ठीक होती है।
इसके अतिरिक्त नागदोन नामक पौधे के एक दो पत्ते सवेरे सवेरे खाली पेट चबाकर खाने से भी इस बीमारी में आराम आता है।
यदि केले के अंदर, एक चने के दाने के आकार का, भीम सेनी कपूर का छोटा सा टुकड़ा डालकर; उसे बिना चबाए निगल लिया जाए; तब भी इन समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। यह प्रयोग भी सुबह खाली पेट ही करना चाहिए।
सुबह शाम, खाली पेट, धीरे-धीरे कपालभाति प्राणायाम नियमित रूप से करना चाहिए। ऐसा करने से परिणाम बहुत शीघ्र आ जाते हैं।
खाना धीरे-धीरे चबा-चबा कर खाना चाहिए जिससे कि कब्ज न हो। अगर कब्ज हो तो रात को सोने से पूर्व त्रिफला लें। मिर्च मसाले का अधिक प्रयोग न करें। घीया की सब्जी का अधिक प्रयोग करना बहुत लाभकारी रहेगा।
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