Wednesday, November 19, 2025

तेंदुआ और बिल्ली

 ख़बर थी कि अब तेंदुआ शिकार करने के लायक नहीं रह गया है। उसका पेट मोटा हो गया है। नाखून कुंद हो गए हैं। दांत भी बहुत तीखे नहीं रह गए हैं। वास्तव में इन तेंदुओं को आराम से शिकार मिल जाता है। वह भी गांव के आसपास ही! वहां ये मंडराते रहते हैं। उन्हें कभी कभार मनुष्य या उनके बच्चों का मांस, बिना मेहनत किए आराम से मिल जाता है। इसीलिए वे शिकार करने में ज्यादा मेहनत नहीं डालते। इसके कारण उनकी शारीरिक संरचना में भी परिवर्तन आ रहा है। 

यह बात मुझे यह बहुत रुचिकर लगी। क्योंकि तेंदुओं की मौसी जो हमारे आसपास घूमती रहती हैं; उनमें भी मैं परिवर्तन देखती हूं। बिल्लियां मोटी होती जा रही जा रही है। मुझे लगता है उनके दांतों और पंजे में भी परिवर्तन आ चुका होगा; क्योंकि अक्सर वे धूप में बैठी सुस्ताती हुई नजर आती हैं। अपने आगे के पंजों पर मुंह दुबचाए, पूंछ लपेटे हुए वे आराम से सुस्ताती रहती हैं। और चूहा मज़े में उनके सामने से नृत्य करता हुआ गुज़र जाता है। वे उसे कुछ नहीं कहती। 

इसका भी कारण यही है कि उन्हें बड़े आराम से बिना मेहनत के अपना खाना मिल जाता है। कुछ लोग उन्हें कटोरियों में दूध देते हैं।  कुछ दूसरे लोग कैट फूड खरीद कर लाते हैं और उनके लिए जगह-जगह बिखेर देते हैं। बिल्लियां मज़े कर रही हैं। तेंदुए के शिकार जंगल में खुश हैं। इन बिल्लियों के शिकार चूहे भी शहरों में खूब मज़े कर रहे हैं। उन्हें अब कोई भी परेशानी या डर नहीं है। वास्तव में इंसान की वजह से जंगल में तेंदुए और शहरों में  उनकी मौसियां भी खूब मौज में रह रहे हैं।

No comments:

Post a Comment